सिद्धार्थ सेन गुप्ता के डायरेक्शन में तैयार की गई रोमांटिक क्राईम थ्रिलर वेब सीरीज ये काली-काली आंखें सीजन 2 रिलीज कर दी गई है। वेब सीरीज का दूसरा भाग काफी दिलचस्प रहने वाला है। जिसके रिव्यू सामने आ चुके हैं। अगर आप भी ये काली-काली आंखें सीजन 2 रिव्यू जानना चाहते हैं तो लेख के अंत तक बन रहे। जिसमें हम आपको सीरीज से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी देंगे।
ये काली-काली आंखें सीजन 2
ये काली-काली आंखें सीजन 2 वेब सीरीज में विक्रांत की भूमिका में ताहिर राज भसीन, पूर्वा की भूमिका में श्वेता त्रिपाठी और इसके साथ आंचल सिंह ने मुख्य सहायक भूमिका निभाई है। दूसरे भाग में एक और नए किरदार गुरु की एंट्री हुई है। जिसका किरदार गुरमीत चौधरी ने निभाया है। गुरु पूर्वा का प्रेमी है। जो उसे खोजते हुए आया है। इसके आने से विक्रांत की मुसीबतें और बढ़ गई है।
ये काली-काली आंखें 2 की कहानी
जहां सीजन-1 खत्म होता है, ठीक वहीं से सीजन 2 की शुरुआत होती है। पहले सीजन के आखिर में दिखाया जाता है, कि विक्रांत एक हिटमैन को हायर करता है। और उसे पूर्वा को मारने के लिए मुंह मांगी कीमत देता है। अब दूसरे सीज़न की शुरुआत एक फोन कॉल के साथ होती है। विक्रांत फोन उठाता है। उसके चेहरे की हवाइयां उड़ जाती है।
यह हिटमैन पूर्वा को खत्म करने के बजाय उसका किडनैप कर लेता है। और अब विक्रांत को दबाव में लाने की कोशिश कर रहा है। वह विक्रांत से 100 करोड़ मांग रहा है, अगर वह 100 करोड नहीं देगा तो पूर्वा को घर सही सलामत ले आएगा। जिससे विक्रांत की सच्चाई पता चल जाएगी।
विक्रांत अपनी प्रेमिका सिखा से शादी करना चाहता है। हालांकि शिखा की शादी भी हो चुकी है। मगर किसी और से। अब ऐसी स्थिति में विक्रांत बुरी तरह फंस चुका है। एक तरफ उसे पूर्वा को खत्म करना है, दूसरी ओर शिखा को हासिल करना है। सीखा भी विक्रम से प्यार करती है। इसी बीच पूर्वा के पूर्व प्रेमी गुरु की भी एंट्री हो जाती है। जिसके बाद विक्रांत की मुसीबतें और बढ़ जाती है। अब विक्रांत पूर्वा को अपने रास्ते से कैसे हटाएगा? और शिखा से दोबारा शादी कैसे होगी? यही सब कुछ इस वेब सीरीज में दिखाया जाएगा।
पहला सीज़न कैसा था ?
सीरीज का पहला भाग साल 2022 में रिलीज किया गया था। जिसकी शुरुआत अंधाधुंध गोलीबारी के बीच “हमारे फ्रेंड बनोगे?… हमारा नाम विक्रांत सिंह चौहान डेट ऑफ बर्थ 19 दिसंबर… लगता है आज के दिन मरेंगे.” जैसे जबरदस्त डायलॉग डिलीवरी के साथ शुरू हुई। धुआंधार गोलियों के बीच एक कमरे के कोने में खून में लथपथ पड़ा विक्रांत सीरीज को पटरी पर लाता है।
दर्शकों को समझ आ जाता है, कि यह सीरीज राजनीति, ताकत और पैसे के साथ-साथ रोमांच से मनोरंजन करने वाली है। सत्ता और ताकत के खेल और मायाजाल ने दर्शकों का तगड़ा मनोरंजन किया था। डायरेक्टर ने 90 के दशक की फिल्मों के कांसेप्ट को दोहराया जरूर है, मगर मारकाट, खूनी-खेल, पागलपन और प्यार को हासिल करने की जिद्द दर्शकों को पैसा वसूल का अनुभव कराती है। ओवरऑल पहले सीजन ने ही दर्शकों को दूसरा सीजन देखने पर मजबूर किया है।
ये काली-काली आंखें सीजन 2 कैसा है?
दूसरे सीजन में विक्रांत को मुसीबतें चारों ओर से घेरने वाली है। जहां एक ओर उसे डर है कि पूर्वा सही सलामत घर आ जाएगी तो उसका भांडा फूट जाएगा। जबकि दूसरी ओर शिखा को हासिल करने का दबाव समय के साथ बढ़ता जाता है। दूसरा सीजन दर्शकों की उम्मीद पर एकदम खरा उतरा है। जिसमें नए किरदारों को एंट्री देकर फिल्म डायरेक्टर ने सीरीज को और ज्यादा रोमांचक बना दिया है। बेशक कोई व्यक्ति राजनीति के दलदल में फंसकर बाहर निकलने में सफल रहे, मगर प्रेम जाल से उबरना लगभग नामुमकिन सा लगता है। इस सीरीज का स्वाद भी कुछ ऐसा ही है। अब आखिर में पूर्वा-गुरु और विक्रांत- शिखा की जोड़ी बनकर सीरीज की हैप्पी एंडिंग होगी, या डायरेक्टर ने कुछ और ही सोचा है। यह तो आपको सीरीज देखकर ही पता चलेगा। जिसे आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।
एडिटिंग और डायरेक्शन कैसा है?
सीरीज की एडिटिंग एकदम लाजवाब है। सीरीज के सभी एपिसोड 31 से 51 मिनट की अवधि के हैं। एडिटिंग टेबल पर बारीकी से काम किया गया है। ताकि किसी भी एपिसोड को ज्यादा लंबा नए बढ़ाया जाए और अनावश्यक भाग को हटाकर दर्शकों को गुणवत्ता के साथ मनोरंजित किया जाए। सिनेमैटोग्राफी भी काफी बेहतर है, जिसका श्रेय मुरली कृष्ण को जाता है। जिन्होंने इसे बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सीरीज के डायरेक्टर सिद्धार्थ सेन गुप्ता ने डायरेक्शन अविश्वसनीय तरीके से किया है। जिस तरह नए किरदारों के सीरीज में एंट्री होती है, एकदम परफेक्ट है। उन्होंने गुरु को एक ऐसे तरीके से सीरीज में फिट किया है, कि मानो वह पहला भाग का ही किरदार है। किसी भी सीन को ज्यादा लंबा नहीं खींचा गया। और सस्पेंस थ्रिल और रोमांस के स्वाद के साथ दर्शकों को सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिलती। यह सीरीज दर्शकों को आखिरी तक सीट पर बैठे रहने पर मजबूर करती है। हमारी राय माने तो यह सीरीज देखने में अब आपको और ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए।