मुंबई क्रिकेट ने भारत को हमेशा ऐसे हीरक दिए हैं जिनकी चमक पूरी दुनिया देखती है—चाहे वो सुनील गावस्कर हों, सचिन तेंदुलकर हों, या फिर हमारे हिटमैन रोहित शर्मा। अब इस लिस्ट में एक नया नाम जुड़ने वाला है, जिसकी चर्चा आज हर क्रिकेट फैन की जुबान पर है, वो नाम है आयुष म्हात्रे (Ayush Mhatre)। महज 17 साल की उम्र में इस लड़के ने अपने बल्ले से वो शोर मचाया है कि बड़े-बड़े चयनकर्ता (Selectors) भी हैरान हैं। कोई उन्हें ‘अगला रोहित शर्मा’ बुला रहा है, तो कोई उनमें पृथ्वी शॉ की झलक देख रहा है। लेकिन, विरार की गलियों से निकलकर स्टेडियम तक पहुंचने का उनका सफर इतना आसान नहीं था।
आज KhabarDaari की इस रिपोर्ट में जानिए आयुष की असली कहानी और उनके वो रिकार्ड्स जो उन्हें बाकियों से अलग बनाते हैं।
आयुष म्हात्रे (Ayush Mhatre)
| Profile Detail | जानकारी |
| पूरा नाम | आयुष म्हात्रे (Ayush Mhatre) |
| उम्र (Age) | 17 साल (जन्म: 2007) |
| शहर | विरार, मुंबई (महाराष्ट्र) |
| बैटिंग स्टाइल | राइट हैंड ओपनर (Right-handed Batsman) |
| चर्चा की वजह | रणजी ट्रॉफी और U19 में शतक |
| IPL कनेक्शन | CSK और MI की रडार पर |
| तुलना (Comparison) | रोहित शर्मा (शॉट्स के लिए) |
मुंबई के क्रिकेटर्स की कहानी लोकल ट्रेन के बिना अधूरी है। आयुष म्हात्रे भी उसी विरार इलाके से आते हैं, जहां से भारत को शार्दुल ठाकुर और पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ी मिले। आयुष का सफर सुबह 4 बजे शुरू होता था। अपने भारी-भरकम किट बैग के साथ भीड़ से भरी लोकल ट्रेन में धक्के खाते हुए 40 किलोमीटर दूर आजाद मैदान या चर्चगेट जाना। उनके दादाजी और कोच ने बचपन में ही उनके हुनर को पहचान लिया था। यह उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज वो वानखेड़े स्टेडियम में दिग्गजों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
मगर आयुष कभी इससे हताश होकर अपना बल्ला नहीं छोड़ा और अब अंडर-19 की कप्तानी कर रहे हैं। साथ ही सीएसके के सबसे भरोसेमंद नए खिलाड़ी के तौर पर भी देखे जा रहे हैं। आयुष की धुआंधार बल्लेबाजी देख लोगों ने कह दिया कि यह बैटर नहीं बल्कि टीम का भी लीडर बनेगा। जिसकी तुलना डायरेक्ट रोहित शर्मा से की जा रही है। लोगों ने तो यह तक कह दिया है कि आयुष मल्होत्रा ही भविष्य का रोहित शर्मा है।
आयुष म्हात्रे को क्यों कहते हैं अगला रोहित शर्मा (Ayush Mhatre: Next Rohit Sharma)
वैसे तो हर खिलाड़ी का मैदान में प्रदर्शन अलग अलग होता है। हर खिलाड़ी के खेलने का तरीका भी अपने आप में खास होता है। लेकिन जब आप आयुष को बैटिंग करते हुए देखेंगे, तो आपको एक पल के लिए धोखा हो सकता है।
द पुल शॉट (Pull Shot): रोहित शर्मा की तरह ही आयुष भी शॉर्ट गेंद को पुल करने में माहिर हैं। वो ताकत से ज्यादा टाइमिंग पर भरोसा करते हैं।
लंबी पारी: वो सिर्फ 30-40 रन बनाकर खुश नहीं होते। रणजी ट्रॉफी में अपने डेब्यू सीजन में ही उन्होंने 176 रन की मैराथन पारी खेलकर बता दिया कि वो लंबी रेस के घोड़े हैं।
रोहित शर्मा की तरह ही आयुष भी किसी भी शॉट को खेलने में न ही हड़बड़ाहट करता है न ही कोई जल्दबाजी। बस एकदम शांत दिमाग के साथ बल्ला ऐसे घूमता है कि गेंद सीधा स्टेडियम के बाहर जाती दिखती है।
मेंटल स्ट्रेंथ भी लाजवाब
आयुष मल्होत्रा की सबसे बड़ी बात यही है कि वह शरीर से ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी काफी मजबूत हैं। उन्होंने मुंबई रणजी टीम के साथ प्रैक्टिस मैचों में सीनियर बॉलर्स के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था। सोचो 18-19 साल का बच्चा जो 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आने वाली गेंद को देखकर घबरा जाता है। वहीं आयुष मल्होत्रा ने इस गति से आने वाली गेंदों पर छक्के चौके मारे थे। जो उनकी मानसिक मजबूती और अनुभव का भी एक शानदार उदाहरण है।
हमारा फैसला (Verdict)
अभी आयुष का करियर बस शुरू हुआ है। तुलना करना जल्दबाजी हो सकती है, लेकिन जिस संयम (Patience) और क्लास के साथ वो खेल रहे हैं, उसे देखकर एक बात तो तय है, भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। रणजी ट्रॉफी में एलीट ग्रुप के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाना कोई बच्चों का खेल नहीं, और आयुष ने यह 17 साल की उम्र में कर दिखाया है। आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि आयुष म्हात्रे को टीम इंडिया में जल्दी मौका मिलना चाहिए या उन्हें अभी और डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना चाहिए?












