दिल्ली के बारे में अक्सर कहा जाता है कि यहाँ की हवा में सिर्फ सियासत और व्यापार है। लेकिन सच तो यह है कि दिल्ली ने सिर्फ नेता या व्यापारी नहीं दिए, बल्कि ऐसे नामचीन खिलाड़ी दिए हैं जिन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर भारत का तिरंगा सबसे ऊँचा लहराया है। क्रिकेट की पिच हो, बॉक्सिंग का रिंग या टेबल टेनिस की रफ्तार दिल्ली के लड़कों और लड़कियों का खौफ हर जगह रहा है।
ये वो नाम नहीं हैं जिन्हें कामयाबी विरासत में मिली। ये वो बच्चे हैं जिन्होंने दिल्ली की भीड़भाड़ और संघर्ष के बीच अपना रास्ता खुद बनाया और आज दुनिया के मैदानों पर राज कर रहे हैं। Khabardaari के इस लेख में, आइए रूबरू होते हैं दिल्ली की उन 5 हस्तियों से, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ‘दिल्ली’ शब्द को स्पोर्ट्स की दुनिया में एक ब्रैंड बना दिया।
दिल्ली के टॉप 5 फेमस स्पोर्ट्स पर्सन
विराट कोहली: उत्तम नगर की गलियों से निकलकर इंटरनेशनल क्रिकेट में रनों का पहाड़ खड़ा करने वाले विराट का जन्म 5 नवंबर 1988 को हुआ। उनके भीतर का चीकू बचपन से ही इतना जिद्दी था कि बहुत कम उम्र में ही उन्होंने अंडर-15 और फिर अंडर-19 टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। साल 2008 में जब उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताया, तो पूरी दुनिया को समझ आ गया कि यह लड़का लंबी रेस का घोड़ा है।

इंटरनेशनल क्रिकेट में 80 से ज्यादा शतक और तीनों फॉर्मेट में कप्तानी का बोझ उठाने वाले विराट ने सिर्फ रिकॉर्ड्स नहीं बनाए, बल्कि भारतीय क्रिकेट के फिटनेस कल्चर को ही बदल डाला। आज वे सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि ग्लोबल आइकन हैं। भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के तौर पर उनकी आक्रामकता और जीत की भूख ने हमें वो लम्हे दिए जो इतिहास में दर्ज हो चुके हैं। विराट का यह सफर एक ही बात सिखाता है: फर्क नहीं पड़ता कि आप कहाँ से आए हैं, फर्क इससे पड़ता है कि आप पहुँचना कहाँ चाहते हैं।
गौतम गंभीर: 14 अक्टूबर 1981 को नई दिल्ली के राजिंदर नगर में जन्मे गौतम के भीतर क्रिकेट का जुनून यहीं की मिट्टी से जागा। वे उन खिलाड़ियों में से नहीं थे जो सिर्फ रन बनाते थे, वे वो योद्धा थे जो मुश्किल वक्त में टीम के लिए चट्टान बनकर खड़े हो जाते थे। मैदान पर उनका गुस्सा और जीत के लिए उनकी बेताबी ही उनकी सबसे बड़ी पहचान बनी। अपनी कप्तानी से उन्होंने न सिर्फ दिल्ली की टीम को मज़बूत किया, बल्कि IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की तकदीर ही बदल दी।

उनकी लीडरशिप का ही जादू था कि KKR दो बार चैंपियन बनी। वे जानते थे कि हारी हुई बाजी को आखिरी मोमेंट्स में कैसे पलटा जाता है। चाहे 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल हो या 2011 का वनडे वर्ल्ड कप… जब-जब टीम इंडिया मुश्किल में फंसी, इस दिल्ली के लड़के ने अपना बल्ला नहीं, अपना कलेजा मैदान पर रख दिया। आज भी जब निडर कप्तानी और जज्बे की बात होती है, तो गंभीर का नाम सबसे ऊपर आता है।
टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा:

भारतीय टेबल टेनिस का जाना माना चेहरा बन चुकी मनिका बत्रा का जन्म 15 जून 1995 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने साल 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 4 गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था। मनिका अपनी लंबी कद-काठी और सुडौल शरीर के कारण दुनिया के दूसरे खिलाड़ियों से अलग हैं। उन्होंने ओलंपिक के तीसरे दौर तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी का खिताब भी अपने नाम किया है।
वीरेन्द्र सहवाग: अगर क्रिकेट की दुनिया में किसी के नाम से गेंदबाजों की नींद उड़ती थी, तो वो नाम है… वीरेंद्र सहवाग। कहने को तो सहवाग की जड़ें हरियाणा के झज्जर में हैं, लेकिन उनकी बल्लेबाजी का वो बेखौफ अंदाज दिल्ली के नजफगढ़ की गलियों में परवान चढ़ा। इसीलिए दुनिया उन्हें प्यार से नजफगढ़ का नवाब कहती है।

सहवाग के लिए क्रिकेट कोई रॉकेट साइंस नहीं था। उनका सीधा सा मंत्र था… गेंद देखो और मारो। उन्होंने तकनीक की किताबी बातों को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया। जब बड़े-बड़े बल्लेबाज 90 रनों पर आकर घबराने लगते थे, तब सहवाग छक्का मारकर अपना शतक या तिहरा शतक पूरा करते थे।
डॉन ब्रैडमैन, ब्रायन लारा, और क्रिस गेल के बाद दुनिया में इकलौते ऐसे बल्लेबाज, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक (Triple Century) जड़ा है। उन्होंने सिर्फ रन नहीं बनाए, बल्कि उन्होंने भारत को जीतना और विपक्षी टीम की आंखों में आंखें डालकर खेलना सिखाया। मुल्तान का सुल्तान हो या नजफगढ़ का नवाब, सहवाग ने साबित कर दिया कि असली खेल दिमाग से नहीं, जिगरे से खेला जाता है।
गीत सेठी: जब हम दिल्ली के खेल सितारों की बात करते हैं, तो अक्सर हमारा ध्यान सिर्फ क्रिकेट के मैदान तक सिमट कर रह जाता है। लेकिन इसी दिल्ली ने एक ऐसा फनकार भी दिया जिसने शांत कमरे के भीतर, मखमली टेबल पर बिछी गेंदों के साथ दुनिया जीत ली—नाम है, गीत सेठी।

17 अप्रैल 1961 को नई दिल्ली के एक पंजाबी परिवार में जन्मे गीत सेठी का बचपन यहीं की आबोहवा में बीता। भले ही बाद में उनका परिवार अहमदाबाद जाकर बस गया, लेकिन उनके खेल की जो नींव थी, वो दिल्ली में ही पड़ी थी। वे उस दौर में बिलियर्ड्स और स्नूकर के पोस्टर बॉय बने, जब भारत में लोग इस खेल के बारे में ज्यादा जानते भी नहीं थे।
गीत सेठी सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि इस खेल के जादूगर हैं। उनके नाम 9 वर्ल्ड टाइटल्स हैं, जो यह बताने के लिए काफी हैं कि उनका दबदबा किस स्तर का रहा होगा। उन्होंने न सिर्फ रिकॉर्ड्स तोड़े, बल्कि दुनिया भर में भारत के मान-सम्मान को उस ऊंचाई पर पहुँचाया जहाँ आज भी पहुँचना किसी सपने जैसा लगता है। वे शांत स्वभाव और गजब की एकाग्रता की मिसाल हैं।
आज जब हम स्पोर्ट्स की बात करते हैं, तो अक्सर क्रिकेटर्स का शोर सुनाई देता है। लेकिन गीत सेठी जैसे दिग्गजों ने खामोशी से अपना रास्ता बनाया और साबित किया कि दिल्ली की गलियों में हर तरह का हुनर फल-फूल सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
तो ये थे दिल्ली के वो चमकते सितारे जिन्होंने खेल की दुनिया में अपनी किस्मत खुद लिखी। इनमें से कौन-सा खिलाड़ी आपका सबसे पसंदीदा है? या फिर कोई ऐसा नाम जो इस लिस्ट में होना चाहिए था? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं, क्योंकि दिल्ली का जज्बा कभी खत्म नहीं होता.












