महाकुंभ मेला बना उत्तर प्रदेश का नया जिला : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले की तैयारियां जोरों से चल रही है। महाकुंभ मेले का 12 साल में एक बार संयोग बनता है। जिसमें इस बार लगभग 40 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालु आने वाले हैं। ऐसे में प्रशासन पर भी व्यवस्था की बड़ी जिम्मेदारी है। जिसको ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने एक अस्थाई जिले का गठन किया है। इस नए अस्थाई जिले का नाम “महाकुंभ मेला जनपद” रखा गया है। नए जिले को 67 गांवों को जोड़कर बनाया गया है। इस नए जिले में भी कानून व्यवस्था वैसे ही काम करेगी जैसे सामान्य जिलों में करती है। आइए इसके बारे में डिटेल में जानकारी लेते हैं।
महाकुंभ मेला नए जिले की घोषणा
महाकुंभ मेले की तैयारी को बेहतर ढंग से करने और कानून व्यवस्था मजबूत बनाएं रखने के उद्देश्य से प्रयागराज में योगी सरकार ने “महाकुंभ मेले” नए जिले की घोषणा की है। यह नया जिला केवल 4 महीने के लिए ही बनाया गया है। महाकुंभ में लेकर समापन के साथ ही इसका भी सकुशल समापन किया जाएगा। मेले के बाद इस नए जिले का वर्चस्व अपने आप ही खत्म हो जाएगा।
प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार द्वारा अधिसूचना जारी की गई है, जिसके मुताबिक इस नए अस्थाई जिले में भी सामान्य जिले की तरह ही कानून व्यवस्था और प्रशासन व्यवस्था की जाएगी। जिसमें डीएम, एसपी सहित सभी विभागों का गठन कर उनको पद सृजित किए जाएंगे। ताकि मेले में होने वाली किसी भी असुविधाओं या आपराधिक घटनाओं पर समय रहते नियंत्रण पाया जा सके।
4 तहसीलों के 67 गाँवों को मिलाकर तैयार किया गया
महाकुंभ मेला जनपद में प्रयागराज की चार तहसीलों के 67 गांवों को शामिल किया गया है। जिसमें सोरांव तहसील के 25 गांव, सदर तहसील के 3, करछना तहसील के 19 और फूलपुर के 20 गांवों को शामिल किया गया है।
कौन बनाता है अस्थायी जिला
नया जिला बनाने काअधिकार राज्य सरकार के पास सुरक्षित रहता है। राज्य सरकार अधिकारिक राजपत्र पर अधिसूचना जारी करती है। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यकारी आदेश जारी करते हैं और विधानसभा में कानून पारित होने के बाद एक नए जिले का गठन किया जाता है। इसके अलावा किसी जिले का नाम बदलने या किसी जिले का दर्जा खत्म करने का अधिकार भी राज्य सरकार के पास सुरक्षित है। हालांकि उत्तर प्रदेश में जो नया जिला (महाकुंभ मेला जनपद) बनाया गया है, इसका गठन अस्थाई रूप से किया गया है। यह प्रयागराज की सीमाओं के अंतर्गत आने वाले गांव और क्षेत्रों को जोड़कर तैयार हुआ है। जिसके लिए जिले के डीएम ने अधिसूचना जारी की है।
4 गुना ज्यादा श्रद्धालुओं की उम्मीद
साल 2019 के कुंभ मेले के आयोजन में लगभग 3200 हेक्टेयर जमीन पर मेले की तैयारी और व्यवस्था की गई थी। मगर इस बार लगभग 4000 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर मेले की व्यवस्था की गई है। उम्मीद है कि लगभग चार गुना ज्यादा श्रद्धालु मेले में आने वाले हैं। व्यवस्था बनाए रखने के लिए नई पुलिस चौकिया लगाई गई है और सुरक्षा के तमाम इंतजाम के जा रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दे महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होगा। जो 26 फरवरी तक रहने वाला है। इस दौरान कुल छह-शाही स्नान होंगे। जिसमें देश-विदेश से लगभग 40 करोड़ से भी ज्यादा भक्त शामिल होंगे।