12वीं के बाद इंजीनियरिंग के क्षेत्र में पढ़ाई करना काफी महंगा और एक लंबी अवधि वाला प्रोसेस होता है। जिसको ध्यान में रखते हुए कई संस्थाओं ने कम खर्च के साथ शॉर्ट टर्म इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्रोग्राम की पेशकश की है। इस कोर्स का नाम पॉलिटेक्निक है। इंजीनियरिंग की फील्ड में रुझान रखने वाले विद्यार्थियों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। जिसमें इंजीनियरिंग के साथ-साथ कई अन्य क्षेत्रों के पाठ्यक्रम का भी विस्तार से ज्ञान दिया जाता है। आईये पॉलिटेक्निक से जुड़ी विस्तार से जानकारी लेते हैं।
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स
पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा कोर्स है जो इंजीनियरिंग की फील्ड से जुड़ा है देश की कई संस्थाएं कई प्रकार के बीटेक स्पेशलाइजेशन वाले पॉलिटेक्निक कोर्स की पेशकश करती है जिसमें टेक्नोलॉजी से जुड़ी एजुकेशन दी जाती है यह आमतौर पर 3 साल का डिप्लोमा कोर्स होता है जिसे करने के बाद विद्यार्थी कहीं बड़ी कंपनियां में रोजगार पाया जा सकता है इसके साथ स्व रोजगार में भी काफी मदद मिलती है।
पॉलिटेक्निक के अंतर्गत सिविल इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक जैसे कहीं डिप्लोमा प्रोग्राम करने की सुविधा मिलती है। जिन्हें अभ्यर्थी अपनी रुचि के मोब के चूज करते हैं।
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स के लिए शैक्षिक योग्यता
पॉलिटेक्निक करने के लिए अभ्यर्थियों को कुछ खास प्रकार के मापदंडों को पूरा करना होगा जिसकी सूची नीचे उपलब्ध कराई गई है।
शैक्षिक योग्यता | 10वीं या 12वीं पास |
न्यूनतम अंक | 10+2 परीक्षाओ में कम से 40% मार्क हो. (कुछ संस्थानों में न्यूनतम अंक अलग भी हो सकते है) |
नागरिकता | भारत का मूल नागरिक |
सब्जेक्ट्स | गणित, इंग्लिश और साइंस को इस डिप्लोमा के लिए अनिवार्य माना जाता है। |
ध्यान रहे अभ्यर्थियों को पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स में 10वीं और 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। इसके साथ ही कई संस्थानों में एंट्रेंस एग्जाम अथवा इंटरव्यू भी लिया जाता है। जिससे कोर्स एनरॉल करने वाले विद्यार्थी की मानसिक स्थिति और क्षमता का आकलन किया जाता है।
पॉलिटेक्निक करने से क्या लाभ है?
पॉलिटेक्निक एक स्किल डेवलपमेंट प्रकार का डिप्लोमा कोर्स है। जिसमें अभ्यर्थियों को कई प्रकार की फील्ड से गहराई से जोड़ा जाता है। पॉलिटेक्निक की समय के साथ मार्केट में काफी ज्यादा डिमांड बढ़ती जा रही है। पॉलिटेक्निक करने के अनेकों फायदे हैं। जिनकी लिस्ट नीचे दी गई है।
- पॉलिटेक्निक करने के बाद मास कम्युनिकेशन, टेक्सटाइल डिजाइन, फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइन, होटल मैनेजमेंट, लोको पायलट और टेक्निकल असिस्टेंट जैसी कई प्रकार की नौकरियों के अवसर होते हैं।
- इसके अलावा सरकार द्वारा भी समय-समय पर पॉलिटेक्निक के लिए स्पेशल पदों पर नोटिफिकेशन जारी किया जाता है।
- समय के साथ प्राइवेट सेक्टर में पॉलिटेक्निकल डिप्लोमा डिमांड काफी ज्यादा डिमांड बढ़ती जा रही है।
- यह कोर्स करने के बाद व्यक्ति स्वरोजगार भी शुरू कर सकता है। यानी रोजगार के लिए उसे भड़काने की जरूरत नहीं है।
पॉलिटेक्निक और बीटेक में क्या अंतर है?
पॉलिटेक्निक और बीटेक दोनों कोर्स एक दूसरे के संबंध में है। हालांकि पॉलिटेक्निक शॉर्ट टर्म जबकि बीटेक एक लंबी अवधि वाला कोर्स है। जिसमें काफी गहराई से सीखने को मिलता है। दोनों कोर्स में कुछ बड़े अंतर है, जो नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं।
- पॉलिटेक्निक एक प्रकार का डिप्लोमा प्रोग्राम है, जबकि बीटेक एक प्रकार का डिग्री कोर्स होता हैं। इसे करना ग्रेजुएशन डिग्री पाना है।
- पॉलिटेक्निक को 3 साल में पूरा किया जाता है जबकि बीटेक के लिए 4 साल की समय अवधि फिक्स है।
- पॉलिटेक्निक को करने के लिए दसवीं पास विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। जबकि बीटेक के लिए 12वीं पास होना आवश्यक है।
- पॉलिटेक्निक काफी कम खर्च और कम समय में पूरा किया जा सकता है। जबकि बीटेक लंबी अवधि के साथ खर्चीला कोर्स है।
- कोर्स की अवधि ज्यादा होने के चलते बीटेक में काफी गहराई की नॉलेज मिलती है। जबकि पॉलिटेक्निक में किसी एक स्पेशलाइजेशन डिप्लोमा कोर्स की ही जानकारी मिलती है।
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स फीस
जैसा कि पॉलिटेक्निक कम समय में किए जाने वाला डिप्लोमा प्रोग्राम है. जिसकी सालाना फीस ₹35000 से शुरू होकर 80 हजार तक पहुंचती है। इस हिसाब से यह कोर्स लगभग डेट से ₹200000 में पूरा किया जा सकता है। हालांकि ककोर्स की फीस संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाली फैसेलिटीज पर भी निर्भर करती है.
पॉलिटेक्निक करने के बाद जॉब और सैलरी
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स पूरा करने के बाद रोजगार के कई ऑप्शन खुल जाते हैं जिसमें मुख्य रूप से जूनियर मैकेनिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल असिस्टेंट, जूनियर कंस्ट्रक्शन इंजीनियर और आईटी अस्सिटेंट सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले पद है। इसके अलावा सरकारी नौकरी में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी रेलवे और कहीं बड़े दफ्तर में सरकारों द्वारा समय-समय पर वेकेंसी निकाली जाती है।
पॉलिटेक्निक करने के बाद शुरुआती समय में चार से पाँच लाख रुपए तक सालाना सैलरी मिलती है। जो समय के साथ 6.8 लाख रुपए से 7.9 लाख रुपए तक पहुंच जाती है। हालांकि सैलरी पद और अनुभव पर सबसे ज्यादा डिपेंड करती है।