हाल में भारत और पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायु सेना (Indian Air Froce) ने सबसे आगे मोर्चा संभाला है। फिर चाहे दुश्मन के ठिकानों पर हमला करना हो या फिर दुश्मन के हमले का मुंहतोड़ जवाब देना हो, भारतीय वायुसेना अग्रणी रही है। इसी बीच विश्व के आधुनिक सैन्य विमानों की जानकारी देने वाली संस्था वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉडर्न मिलट्री एयरक्राफ्ट ने एक चौका देने वाला खुलासा किया है। जिसके मुताबिक भारतीय वायु सेना अब दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली वायु सेना बन चुकी है। इससे आगे केवल अमेरिका और रूस है।
भारतीय वायु सेना बनी दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली वायु सेना
WDMMA (वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ़ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट) की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायु सेना के पास 1,716 सक्रिय विमान हैं। जो अलग अलग वर्गों में बांटे गए हैं. जैसे कि अटैक, लॉजिस्टिक्स, स्पेशल मिशन और सपोर्ट रोल। इन विमानों का इस्तेमाल युद्ध के समय, इमरजेंसी मिशनों और विशेष ऑपरेशन्स में किया जाता है। अमेरिका और रूस के बाद भारत का तीसरे स्थान पर आना यह दर्शाता है कि देश की डिफेन्स तैयारियां अब बेहद मजूबत हैं।
क्या है इंडियन एयर फोर्स की सबसे बड़ी ताकत
इसमें कोई दोहराएं नहीं है कि भारतीय सेना का जज्बा और हौसला दूसरे देशों की सेनाओं से कुछ कम नहीं है। इंडियन एयर फोर्स की सबसे बड़ी ताकत फाइटर जेट्स है। जो पूरी ताकत का करीब 32% हिस्सा है। इनमें मल्टी रोल एयरक्राफ्ट जैसे सुखोई-30 MKl, राफेल, मिराज 2000 और तेजस जैसे फाइटर जेट्स शामिल है। जो इंटरसेप्शन से लेकर ग्राउंड स्ट्राइक तक हर तरह की भूमिका में माहिर है। इसके अलावा, भारत की लॉजिस्टिक क्षमता और हाई-रेडिनेस रेट भी IAF की सबसे बड़ी ताकत है।
इन विमानों से और ताकतवर होगी एयरफोर्स
रिपोर्ट के मुताबिक कई नए फाइटर जेट्स और एडवांस्ड एयरक्राफ्ट अभी खरीद प्रक्रिया में हैं। जो आने वाले समय में इंडियन एयर फाॅर्स की ताकत बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। भविष्य में तेजस MK2, AMCA जैसे स्वदेशी फाइटर जेट्स और अपग्रेडेड मिसाइल सिस्टम भारतीय वायु सेना को और ज्यादा खतरनाक और सटीक बना देंगे।
इसके आलावा भविष्य की लड़ाइयों में मानवरहित विमानों (UAVs) की भूमिका भी बहुत अहम साबित होगी। हालाँकि WDMMA की इस रिपोर्ट में UAVs को शामिल नहीं किया गया है, लेकिन भारत लगातार इस दिशा में भी निवेश और प्रगति कर रहा है। स्वदेशी ड्रोन, AI आधारित सिस्टम और सैटेलाइट-गाइडेड हथियार भारतीय वायुसेना को तकनीकी तौर पर दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायुसेनाओं में ला खड़ा करेंगे।