सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म छिछोरे सिर्फ एक कॉलेज ड्रामा नहीं थी, बल्कि ये फिल्म जिंदगी को देखने का नजरिया बदल देती है। इसमें दोस्ती है, मस्ती है, लेकिन उससे बढ़कर वो बातें हैं जो आपको मुश्किल वक्त में हिम्मत देती हैं।
छिछोरे आज भी इसलिए याद की जाती है क्योंकि इसमें जो कहा गया वो कहीं न कहीं हर किसी की ज़िंदगी से जुड़ता है। खासकर जब हम सुशांत को याद करते हैं, तो इस फिल्म के डायलॉग दिल को छू जाते हैं। ये फिल्म उनकी आखिरी फिल्मों में से एक थी और इसमें कही गई बातें आज भी लोगों को मोटिवेट करती हैं।
इस लेख में हम लेकर आए हैं सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म छिछोरे के वो मशहूर डायलॉग्स जो आज भी लोगों की ज़ुबान और दिलों में जिंदा हैं।
छिछोरे के सबसे मशहूर डायलॉग
6 सितंबर 2019 को रिलीज हुई छिछोरे फिल्म के डायलॉग वैसे तो काफी सीधे-साधे लगते हैं। लेकिन उनका असर काफी गहरा पड़ता है। जैसे फिल्म का सबसे मशहूर है डायलॉग है…
“हम हार-जीत, सक्सेस, फैलियर में इतना उलझ गए हैं कि जिंदगी जीना ही भूल गए हैं।”
यह डायलॉग हमें बताता है कि जिंदगी में हार जीत ही सब कुछ नहीं है। हम इस “RAT TRAP” में इस कदर फंस चुके हैं कि हम हमारी असली जिंदगी जीना ही भूल गए। इसी तरह दूसरा डायलॉग…..
“तुम्हारा रिजल्ट डिसाइड नहीं करता है कि तुम लूजर हो या नहीं…. तुम्हारी कोशिश डिसाइड करती है”
यह डायलॉग हर एक उस इंसान के लिए है, जो अपने जीवन में कुछ भी नया करने से पहले फेल होने से डरता है। हमें सफलता या असफलता का ख्याल छोड़कर मेहनत पर ध्यान देना चाहिए।
सुशांत की मौत और डायलॉग की गहराई
छिछोरे फिल्म का यह डायलॉग सुशांत सिंह राजपूत की जिंदगी से गहराई से जुड़ा है। अगर वह इस डायलॉग को स्वयं भी अपने जीवन में अप्लाई करते तो शायद आज हमारे बीच काफी कुछ बेहतर कर रहे होते।
“जिंदगी में अगर कुछ सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट है…. तो वह है खुद जिंदगी।”
यह डायलॉग काफी मोटिवेट करता है। जो सिखाता है कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे। हमें सबसे ज्यादा महत्व हमारे जीवन को ही देना चाहिए। जीवन ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर हम जिंदा रहेंगे तो अपने हालात से लड़कर उभर सकते हैं।
“सक्सेस के बाद का प्लान सबके पास होता है। लेकिन अगर गलती से फेल हो गए तो फेलियर से कैसे डील करना है… इस पर कोई बात ही नहीं करना चाहता।”
छिछोरे फिल्म का डायलॉग हमें सिखाता है कि हमें असफलता से डरना नहीं चाहिए। सफलता में आपके साथ बहुत से लोग खड़े होंगे, लेकिन असफलता का सामना हमें अकेले ही करना होगा। इसलिए हमें उसके लिए भी हमेशा तैयार रहना चाहिए।