भारत की दिग्गज इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर में OLA Gen 3 Platform इस्तेमाल करने की घोषणा की है। जनरेशन 3 प्लेटफार्म काफी किफायती होने के साथ-साथ वजन में हल्का और बेहतरीन अनुभव के लिहाजे से तैयार किया जा रहा है। जो जनरेशन 2 प्लेटफार्म के मुकाबले लगभग 26% ज्यादा परफॉर्मेंस और लगभग 22% कम लागत का वादा करता है। कंपनी ने हाल ही में जेनरेशन 3 प्लेटफार्म का प्रोटोटाइप डिजाइन पेश किया है। जिसमें मोटर, बैटरी और अन्य इलेक्ट्रिक कॉम्पोनेंट्स को काफी बेहतरीन ढंग से व्यवस्थित किया गया है। आईए जानते हैं की जनरेशन 3 प्लेटफार्म से क्या और कितना फायदा हो सकता है।
OLA Gen 3 Platform प्लेटफार्म
एकदम नए जनरेशन 3 प्लेटफार्म को कंपनी द्वारा “इनसाइड द बॉक्स” डिस्प्ले पर डिजाइन किया गया है। जिसमें मोटर, बैटरी और इलेक्ट्रिक पार्ट्स को एक फ्लैट आकर के बॉक्स में समायोजित किया गया है। जो देखने में काफी छोटा नजर आता है. बैटरी, मोटर और सभी पार्ट्स को एक ऐसे फ्रेम में लगाया गया है। जो स्कूटर के प्लेटफार्म का ही हिस्सा है। जिसके चलते स्कूटर के वजन में भी काफी कमी देखने को मिलेगी और बेहतर सुविधा भी मिलेगी है।
परफॉर्मेंस में होगी बढ़ोतरी
- कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जेनरेशन 3 में 4680 सेल इस्तेमाल किए जाएंगे। जो भारत सेल के नाम से भी जाने जाते हैं। 4680 सेल छोटे आकार और ज्यादा डेंसिटी की क्षमता रखते हैं। जिसके चलते शॉक रेजीटेंसी और थर्मल परफॉर्मेंस में इजाफा होगा। ओवरऑल ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर की स्पीड और परफॉर्मेंस ज्यादा बेहतर होने वाली है। इसके साथ ही बैटरी चार्ज करने में भी समय की बचत होगी।
- कंपनी द्वारा किये जा रहे दावे के मुताबिक मौजूदा आर्किटेक्चर की तुलना में जेनरेशन 3 में 26% तक ज्यादा परफॉमेंस मिलने वाली है। इसके साथ ही स्कूटर की मैन्युफैक्चरिंग लागत लगभग 22.5% तक कम होगी।
- वर्तमान इलेक्ट्रिक स्कूटर के मोटर के ऊपर में चुंबक का इस्तेमाल किया जाता है। मगर जनरेशन 3 प्लेटफार्म में चुंबकीय इलेक्ट्रिकल कॉइल का इस्तेमाल किया जाएगा। जिसके चलते ज्यादा पिक टॉर्क (15Kw) और परफॉर्मेंस में बढ़ोतरी होगी।
ओला इलेक्ट्रिक जेनरेशन 3 के फायदे
- मोटर के फ्रेम को ही इलेक्ट्रिक स्कूटर की बॉडी से अटैच कर दिया गया है। जिसके चलते लगभग 12 किलो वजन में कमी होगी। जो स्कूटर को हैंडल करने में सुविधाजनक होगा।
- मौजूदा इलेक्ट्रिक स्कूटर में 2170 सेल का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि जेनरेशन 3 में 4680 सेल का इस्तेमाल किया जाएगा। जो इसकी परफॉर्मेंस को बूस्ट करेगा।
- इसमें बहुत कम वायरिंग देखने को मिलेगी। जिसके चलते ग्राहकों को कम खामियों का सामना करना पड़ेगा।
- स्कूटर का ढांचा तैयार करने में स्टील का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि जनरेशन 3 के सभी स्कूटर से एल्युमिनियम से तैयार किए जाएंगे। जो स्टील की तुलना में ज्यादा टिकाऊ और मजबूत होंगे।
- जनरेशन 3 प्लेटफार्म पर तैयार किए जाने वाले सभी इलेक्ट्रिक स्कूटर की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट में अपेक्षाकृत कम लागत आएगी।
ओला कृत्रिम एआई : जनरेशन 3 प्लेटफार्म को लेकर खबरें मिल रही है, कि इसमें कई बेहतरीन और आकर्षक फीचर्स की सुविधा देखने को मिलेगी। जिसमें से मुख्य रूप से ओला कृत्रिम एआई शामिल हैं।