टाटा ग्रुप की विरासत न सिर्फ भारत में बल्कि विदेश में भी मजबूती के साथ फैली हुई है। पिछले सप्ताह रतन टाटा जी के स्वर्गवास के बाद टाटा ग्रुप की विरासत अगली पीढ़ी को सौंपी जा रही है। जिसमें उनके सौतेले भाई नोएल टाटा और उनकी सौतेली भतीजी माया टाटा का नाम काफी सुर्खियों में रहा। टाटा ग्रुप के नए अध्यक्ष के रूप में उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को नियुक्त किया गया है। मगर इस दौरान माया टाटा भी पक्के दावेदार के रूप में सामने आई है। आईए जानते हैं आखिर माया टाटा कौन है और इन्होंने व्यवसाय जगत में क्या कुछ योगदान किया है।
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माया टाटा कौन हैं?
माया टाटा की उम्र 34 साल है। जो रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा की बेटी है। माया टाटा की मां का नाम आलू मिस्त्री है। जो साइरस मिस्त्री की बहन है। साइरस मिस्त्री टाटा संस के अध्यक्ष रह चुके हैं। माया टाटा शुरू से ही टाटा ग्रुप से जुड़ गई थी। और टाटा ग्रुप के कई क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन्होंने रतन टाटा जी से ही व्यवसाय के दांव पेच सीखें है। वह न सिर्फ व्यवसाय के क्षेत्र में बल्कि व्यवसाय तकनीकी में भी काफी माहिर है।
बन सकती थी टाटा ट्रस्ट की चेयरमैन
माया टाटा ग्रुप की काफी गहराई से समझ रखती है। उन्होंने व्यवसाय के क्षेत्र में जो कुछ सीखा है, वह रतन टाटा जी से ही सीखा है। निधन से पहले तक टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में रतन टाटा ही कार्यकारिणी थे। उन्होंने समय रहते टाटा ट्रस्ट के नए उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की थी। ऐसे में उनके निधन के बाद नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति किये जाने की चर्चा होने लगी। हालांकि इस दौरान बोर्ड सदस्यों ने माया टाटा को टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने में भी रुचि दिखाई। मगर अंतिम रूप से नोएल टाटा को ही टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वर्तमान में टाटा ग्रुप के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन है। जिनके साथ भी माया टाटा ने काफी समय तक व्यवसाय के क्षेत्र में काम किया है।
टाटा ग्रुप में एंट्री (टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड)
माया टाटा अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद टाटा समूह में शामिल हुई। ये सबसे पहले टाटा कैपिटल की सब्सिडियरी कम्पनी टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड में शामिल हुई। जहां उन्होंने पोर्टफोलियो मैनेजमेंट इन्वेस्टर रिलेटेड व्यवसाय में अपने आप को निपुण किया और कॉरपोरेट क्षेत्र के बारे में काफी गहराई से समझ हालांकि की। टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड ज्यादा दिनों तक न चल सका और इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद माया टाटा ने दूसरी सब्सिडियरी कंपनी टाटा डिजिटल में एन. चंद्रशेखरन की लीडरशिप में काम शुरू किया।
टाटा न्यू में अहम भागीदारी (Tata Neu)
टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड के बंद होने के बाद माया ने अपने करियर को टाटा ग्रुप की सहायक कंपनी टाटा डिजिटल की ओर मोड़ लिया। जहां उन्होंने चंद्रशेखरन के निर्देशन में टाटा डिजिटल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। टाटा डिजिटल के ऐप Tata Neu को भी माया की देखरेख में तैयार और लॉन्च किया गया। जो ग्राहकों को शानदार अनुभव देता है।
माया टाटा एजुकेशन क्वालिफिकेशन
माया टाटा ने ब्रिटेन से अपनी पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने ब्रिटिश बिजनेस स्कूल बेयस बिजनेस स्कूल और वारविक यूनिवर्सिटी से डिग्री की है। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पारिवारिक व्यवसाय समूह में ही काम करने का मन बना लिया। क्योंकि वह शुरू से ही अपने पारिवारिक व्यवसाय से ही जुड़ गई थी।
वर्तमान में माय डाटा टाटा एनालिसिस में कार्यरत है। इसके अलावा वह सामुदायिक कार्यों में भी हमेशा नजर आती रहती है। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और समाज कल्याण से जुड़े कई आयोजनों में भाग लेकर टाटा समूह की उपस्थिति दर्ज की है।