भारत ने हाल ही में अपनी सैन्य शक्ति को मजबूती देने के लिए भार्गवास्त्र का परीक्षण किया था। जिसमें भारत को बड़ी सफलता मिली है। माइक्रो मिसाइल सिस्टम भार्गवास्त्र भारतीय सीमा में गैरकानूनी तरीके से घुसने वाले ड्रोन और अन्य उड़ने वाले डिवाइसेज का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है। जरूरी औपचारिकता पूरी करने के बाद भार्गवास्त्र को सशस्त्र बलों को सौंप दिया जाएगा।
भार्गवास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया (Bhargavastra Test Success)
12 जनवरी को ओडिशा के गोपालपुर के समुद्री फायरिंग रेंज में 2500 मीटर की दूरी और 400 मीटर की ऊंचाई पर आसमान में स्थित लक्ष्य को मार गिराने का पहला सफल परीक्षण किया गया था। इसके बाद 13 जनवरी को आसमान में एक गतिमान इलेक्ट्रॉनिक टारगेट को मार गिराने का दूसरा परीक्षण भी सफल रहा। जिसके साथ ही भारतीय सेना को एक किफायती और पोर्टेबल एंटी ड्रोन डिवाइस मिला है।
भार्गवास्त्र करेगा दुश्मन ड्रोन का मुकाबला
भार्गवास्त्र शब्द पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। जिनके मुताबिक यह एक ऐसा शस्त्र था। जो पूरे संसार में केवल कर्ण और भगवान परशुराम के पास ही था। यह शस्त्र इतना शक्तिशाली था, कि इससे स्वयं भगवान श्री कृष्ण भी चिंतित थे। इसी खूबी के आधार पर भारतीय सेना द्वारा निजात किये गए माइक्रो मिसाइल सिस्टम का नाम भार्गवास्त्र रखा गया है। जो बीएसएफ की सबसे बड़ी हवाई दिक्कतों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पिछले कई सालों से पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के माध्यम से हथियार, ड्रग्स और देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किये जाने वाले अन्य कई उपकरण नजदीकी इलाकों में गिराये जाने के मामले सामने आते रहे हैं। इस बड़ी समस्या का समाधान निकालने के लिए इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड द्वारा भार्गवास्त्र तैयार किया गया है। जो 6 किलोमीटर दूर से आने वाले ड्रोन और अन्य हवाई उपकरण की पहचान कर उन्हें हवा में ही ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। जो देश का पहला स्वनिर्मित माइक्रो काउंटर ड्रोन सिस्टम भी है।