Fed Rate Cutting: US Federal Reserve ने हाल ही में 0.50% से ब्याज दरों में कटौती की है। जिसके चलते अमेरिकी शेयर बाजार और अन्य कई देशों की इकोनॉमी में हलचल मची है। सलाहकारों के मुताबिक Fed Rate Cutting से गोल्ड की कीमत बढ़ेगी और इक्विटी पर मिलने वाला रिटर्न नकारात्मक संकेत देगा। आईए जानते हैं Fed Rate Cutting क्या है? और यह हमें किस प्रकार प्रभावित करेगी।
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Fed Rate Cutting क्या है
Fed Rete Cutting अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को कम करने की एक नई नीति है। जिसका उद्देश्य आर्थिक मंदी की समस्या का निदान करना है। आसान शब्दों में समझे तो जब भी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कमी करता है, तो बैंक भी कम ब्याज दरों पर लोन की सुविधा देते हैं। जिसके चलते ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन लेने के विकल्प खुलते है। और वह निवेश, व्यवसाय और खर्चों में बढ़ोतरी करते हैं। यह आर्थिक मंदी को दूर करने का एक कामगार तरीका है।
Fed Rate Cutting का क्या असर पड़ा
जानकारी के लिए बता दे, कोरोना महामारी के बाद पहली बार अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने 0.05% ब्याज दर से कटौती की है। जिसके कारण न सिर्फ़ अमेरिका बल्कि भारत और अन्य कई देशों के स्टॉक एक्सचेंज में ग्रोथ देखने को मिली है। बीते रोज निफ्टी 50 में लगभग 1.48%, बैंक निफ्टी ने 1.42% और सेंसेक्स ने 1.63% का उछाल आया है। दूसरी और S&P 500, Nasdaq Composite और Dow Jones जैसे मुख्य इंडेक्स में भी तेजी आई है।
Fed Rate Cutting क्यों की गई
सलाहकारों के माने तो अमेरिका में जल्द ही आर्थिक मंदी का बड़ा संकट आने वाला है. जिसे किसी भी हाल में नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. बता दे, कोरोना महामारी के बाद से ही अमेरिका में मुद्रास्फीति में तेजी आई है। जिस पर काबू पाने के लिए अमेरिका ने ब्याज दरों में छुट का ऐलान किया है। आर्थिक मंदी के चलते लाखों अमेरिकंस को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। आर्थिक मंदी के मंडराते खतरे को देखते हुए अमेरिका ने फेडरल रिजर्व बैंक ने डैमेज कंट्रोल का सहारा लेते हुए ब्याज दरों में कटौती शुरू कर दी है।
फेड रिजर्व इकोनॉमी की सॉफ्ट लैंडिंग करने की हर संभव कोशिश कर रहा है। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने इंटरव्यू में दिलासा दिलाया है, कि आर्थिक मंदी के निपटान की हर संभव कोशिश की जा रही है। साथ ही नौकरी के क्षेत्र को कम से कम नुकसान के साथ इकोनॉमी को पटरी पर लाया जाएगा। इसके लिए 50 बेसिक प्वाइंट की ब्याज दरों में कटौती करने की योजना और बनाई जा रही है।
अमेरिका में मुद्रास्फीति और बेरोजगारी दर बढ़ी
अमेरिका में कोविड-19 महामारी के बाद से ही वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ी है। जिसके कारण सप्लाई चैन प्रभावित हुई है। मार्केट की डिमांड पूरी न होने के कारण वस्तुओं और सेवाओं की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है।
दूसरी और यूक्रेन युद्ध के कारण भी ऊर्जा और खाद्य पदार्थ की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। जो वैश्विक मुद्रास्फीति को बढ़ावा देती है। साथ ही ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी के कारण बेरोजगारी दर बढ़ने लगी है। जो अमेरिका की इकोनॉमी पर सीधे तौर पर असर डाल रही है। इन तमाम स्थितियों से अमेरिका में आर्थिक मंदी का संकट मंडराता नजर आ रहा है।
भारत पर क्या असर पड़ेगा – एक्सपर्ट्स की राय
Fed Rate Cutting के कारण भारत की आर्थिक स्थिति में भी तगड़ा परिवर्तन आने वाला है। जिसमें मुख्य रूप से FD पर मिलने वाले रिटर्न में तगड़ा इजाफा होगा। साथ ही सोने की कीमतों में भी उछाल आने की प्रबल संभावना है। फेड रेट कटिंग के कारण इक्विटी पर मिलने वाले रिटर्न में गिरावट आने की संभावना है। हालांकि बैंकिंग सेक्टर के स्टॉक में तेजी के आसार नजर आ रहे हैं।