गौतम अडानी देश के बिजनेसमैन की सूची में पहले पायदान पर नजर आ चुके हैं। इसके साथ ही इनकी तुलना दुनिया के सबसे रिचेस्ट लोगों में भी की जाती है। एक बार तो इन्होंने एलन मस्क की नेटवर्क के साथ जबरदस्त कंपीट किया था। अभी गौतम अडानी पूरे चीन के साथ ही मुकाबला करने की योजना बना चुके हैं।
क्या है गौतम अदानी की योजना
ताज रिपोर्ट्स के मुताबिक अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनामिक लिमिटेड के MD करण अदानी ने जानकारी दी है कि साल 2028 तक विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल के लिए लगभग 2.4 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई गई है।
Gautam Adani दक्षिण भारत में बने मेगा पोर्ट विजिंजम में बड़ा निवेश करने जा रहे हैं। इस योजना में लगभग 2.4 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। अदानी ग्रुप का यह जबरदस्त प्लान (अदानी ग्रुप बिग प्लान) पोर्ट का विस्तार तेजी से करने के लिए किया जा रहा है।
इस निवेश के पीछे अडानी का मकसद है कि पोर्ट के जरिए दुनिया के बढ़े से बढ़े जहाज को भी पहुंचा जा सके।
करण अदानी ने इस प्लान को लेकर जानकारी दी है कि कार्य क्षमता को लगभग पांच गुना बढ़कर साल 2028 तक इस योजना को पूरा किया जाएगा।
चाइना को होगा नुकसान
अदानी द्वारा किए जा रहे हैं इस प्रोजेक्ट की वजह से चीन को काफी ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार का एक बहुत बड़ा पैमाना अदानी ग्रुप के कंट्रोल में आ जाएगा। जिसके चलते चीन के व्यापार पर भारी असर पड़ेगा।
विझिंजम ही क्यों चुना ?
जानकारी के लिए बता दे विझिंजम दक्षिणी छोर के सबसे बडे अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्गो के नजदीक पड़ता है। जहां पर सबसे गहरी शिपिंग चैनल मौजूद है। इसी रास्ते से बड़े-बड़े जहाज इंपोर्ट एक्सपोर्ट के लिए सफर करते हैं।
निवेश राशि बढ़ाई
अदानी हमेशा ही फर्स्ट मूवर और फास्ट मूवर योजना के साथ काम करते हैं। शुरुआत में तो इस प्रोजेक्ट के लिए केवल 1.2 बिलियन डॉलर का ही निवेश करना निर्धारित किया गया था। मगर इस राशि में संशोधन करके इसे दुगना कर दिया गया। जिसका उद्देश्य साफ है अडानी इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं।
इस निवेश का इस्तेमाल मुख्य रूप से जहाज फ्यूल, लग्जरी टर्मिनल और 2 मिलियन टन क्षमता वाली सीमेंट पीसने की यूनिट लगाना के लिए किया जाएगा।
अदानी की फास्ट मूवर योजना
इस योजना की डेडलाइन साल 2045 रखी गई थी जिसमें बदलाव करने के बाद इसे 2028 में कंप्लीट करने की योजना दोबारा तैयार की गई है। फिलहाल दो देशों के बीच इंपोर्ट एक्सपोर्ट के लिए चीन सबसे ज्यादा मुनाफेदार बन रहा है। मगर अडानी के इस प्रोजेक्ट के बाद उसकी आमदनी पर काफी बुरा असर पड़ने वाला है।
भारत नहीं आ रहे बढ़े जहाज
मौजूदा समय की बात करें तो अपर्याप्त जगह होने के चलते और भौगोलिक स्थिति में गड़बड़ी के चलते भारत में ज्यादा बड़े जहाज की एंट्री नहीं हो पा रही है। इसके समाधान के लिए पिछले साल ही सरकार ने विझिनजाम ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह का उद्घाटन किया था। इसके बाद ही अदानी ग्रुप इसमें काफी ज्यादा रुचि दिखाने लगा हैं।
अदानी की इस योजना को सफल बनाने के बाद ही बर्थ और ब्रेकवाटर का भी प्रसार होगा। जिसके चलते पोर्ट की बड़े-बड़े जहाजों को संभालने की क्षमता बढ़ेगी। विझिनजाम ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह इंटरनेशनल शिपिंग मार्गो के काफी पास है। जो ग्लोबल कार्गो यातायात के लगभग 30% का भागीदार है।
अदानी ग्रुप का हो रहा है इन क्षेत्रों में निवेश
इसके अलावा भी अदानी ग्रुप कई अन्य क्षेत्रों में लगातार निवेश बढ़ा रहा है। ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक हरित ऊर्जा अदानी का दूसरा सबसे बड़ा निवेश क्षेत्र बन रहा है। जिसमें अडानी की तरफ से 100 अरब डॉलर लगभग 8.34 लाख करोड़ से भी ज्यादा का निवेश किया जायेगा।
साथ ही अदानी बंदरगाह, एनर्जी सेक्टर, सीमेंट हवाई अड्डा, न्यूज मीडिया जैसे अन्य कई अलग-अलग क्षेत्र में लगभग 1.2 लाख करोड रुपए का निवेश करने जा रहा है।
निष्कर्ष: इस लेख में अदानी की इंटरनेशनल योजना का विस्तृत विवरण दिया गया है। जिसमें इस योजना के बजट, समय सीमा और अडानी द्वारा किए गए कुछ खास क्षेत्र में निवेश की जानकारी को कवर किया गया है।