क्रिकेट में Concussion Substitute क्या होता है? कौन करता है कन्कशन सब्स्टीट्यूट का अंतिम फैसला और क्या हैं इसके नियम

हालही में चौथे T20 मैच के बाद भारत और इंग्लैंड के बीच ICC के एक नियम को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है। यह नियम Concussion Substitute है। जिसके मुताबिक मैदान में शिवम दुबे के चोटिल होने के बाद हर्षित राणा ने शिवम की जगह ली थी। मगर मेजबान टीम ने इसका विरोध किया। आइये जानते हैं कन्कशन सब्स्टीट्यूट क्या होता है? और कन्कशन सब्स्टीट्यूट इसके नियम क्या है?

क्रिकेट में कन्कशन सब्स्टीट्यूट (Concussion Substitute) क्या होता है

क्रिकेट में कन्कशन सब्स्टीट्यूट एक विशेष नियम है। जो खिलाड़ियों की शारीरिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इस नियम के मुताबिक किसी भी खिलाड़ी के मैदान में गंभीर चोट लगने पर उसकी जगह उसी पद पर दूसरे खिलाड़ी को मैदान में उतारा जाता है। जिससे चोटिल खिलाड़ी को राहत मिलती है और खेल रही टीम को भी कोई खास नुकसान नहीं होता। उदाहरण के लिए विकेटकीपर को गंभीर चोट लगने पर उसे आराम करने भेज दिया जाएगा और उसकी जगह दूसरे नए खिलाड़ी को विकेटकीपर बना दिया जाता है।

कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम क्या है?

ICC ने खिलाड़ियों की सुरक्षा और खेल की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए साल 2019 में यह नियम लागू किया था। जो टेस्ट क्रिकेट सहित वनडे और T20 जैसे खेल प्रारूपों में भी लागू है। इस नियम के तहत सबसे पहले मर्नस लॉबिशेन लाबुशेन को मैदान में उतारा गया था. स्टीव स्मिथ को जोफ्रा आर्चर की बाउंसर से सिर पर चोट लगने के बाद लाबुशेन को बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए इसे सफल प्रयोग साबित किया।

  1. सब्स्टीट्यूट लाने का निर्णय डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर होता है, लेकिन मैच रेफरी से मंजूरी मिलना जरूरी है.
  2. सब्स्टीट्यूट (नया खिलाडी) केवल उसी भूमिका में खेल सकता है, जो चोटिल खिलाड़ी निभा रहा था।
  3. अगर टीम को लगता है कि रेफरी का निर्णय गलत है, तो इसकी दुबारा समीक्षा की माँग जा सकती है।
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