National Education Policy 2020 क्या है? NEP का इतना विरोध क्यों हो रहा है?

NEP 2020: भारत सरकार लंबे समय से एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव करने की योजना बना रही है। इसके लिए National Education Policy 2020 (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020) तैयार की गई है। जिसके माध्यम से नर्सरी से लेकर 12वीं क्लास तक के सभी बच्चों की एजुकेशन प्रणाली में एक नया दृष्टिकोण/बदलाव लागू किया जाएगा। मगर कई राज्यों में NEP 2020 का तगड़ा विरोध किया जा रहा है। आईए जानते हैं आखिर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 क्या है? और इससे शिक्षा प्रणाली में क्या बड़ा बदलाव होगा।

National Education Policy 2020 क्या है?

NEP 2020 भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की एक महत्वपूर्ण नीति है। जिसके माध्यम से शिक्षा प्रणाली को नया स्वरूप दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि भारत का एजुकेशन सिस्टम काफी पुराना हो चुका है। जो आधुनिक समय की जरूरत के अनुकूल नहीं है। शिक्षा मे वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुकूल परिवर्तन करना आवश्यक हो गया है। जिसके चलते नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 निति तैयार की गई है। National Education Policy 2020 में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल है। जो भारतीय एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव लाएंगे।

  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 भारत की 10+2 शिक्षा प्रणाली को 5 + 3 + 3 + 4 से रिप्लेस करेगी। जिसमें बच्चा अपने शुरुआती तीन से आठ वर्ष के बीच 5 साल की अवधि में आंगनबाड़ी प्री स्कूल फर्स्ट और सेकंड क्लास में पढ़ाई करेगा इसके अलावा भाषा विकास खेल और अन्य गतिविधियों में शामिल होगा। पहले 5 वर्ष के चरण में बच्चों पर बस्ते का बोझ और होमवर्क नहीं होगा।
  • NEP 2020 के दूसरे चरण की अवधि तीन वर्ष है। जिसमें बच्चे की उम्र 8 से 11 वर्ष की होगी। जिसमें बच्चा तीन से पांचवी क्लास का सफर पूरा करेगा। जिसमें लैंग्वेज डेवलपमेंट, स्किल, खेल और शिक्षा आधारित गतिविधि और प्रतियोगिताओं में भाग लेगा।
  • तीसरा चरण भी 3 वर्ष का होगा। जिसमें बच्चों की उम्र लगभग 11 से 14 वर्ष के बीच होगी। इसमें 6,7 और 8th क्लास उत्तीर्ण की जाएगी। इसके साथ ही शैक्षिक उद्देश्य, सामाजिक विज्ञान, गणित, कला और साइंस की पढ़ाई करेगा।
  • चौथा और आखिरी चरण 4 वर्ष का होगा। जिसमें विद्यार्थियों की उम्र लगभग 14 से 18 वर्ष के बीच होगी। इसमें 9,10, 11 और 12वीं क्लास की पढ़ाई की जाएगी। इसके साथ ही बच्चों के भविष्य का मार्गदर्शन और बुनियादी ढांचा परिपक्व किया जाएगा।

परीक्षा प्रक्रिया मे भी बदलाव

ENP 2020 के माध्यम से छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्षित दो बार बोर्ड परीक्षा देनी होगी। जिसमें बहुविकल्पीय और वर्णनात्मक दोनों ही प्रकार के सवाल शामिल होंगे। प्रतिवर्ष कम से कम दो बार हाई क्वालिटी वाली सामान्य योग्यता परीक्षा और विशिष्ट सामान्य विषय परीक्षा भी आयोजित की जाएगी। ताकि बच्चों की सूझबूझ और शिक्षा स्थिति का आकलन बेहतर ढंग से किया जा सके।

शिक्षकों के लिए सालाना कम से कम 50 घंटे का प्रशिक्षण प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा। जिसमें नवीनतम शैक्षणिक टेक्नोलॉजी से शिक्षकों को रूबरू करवाया जाएगा। साथ ही डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल और उनके महत्व से जुड़ी जानकारी स्टाफ को दी जाएगी। जो डिजिटल एजुकेशन में बड़ा योगदान निभाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध क्यों हो रहा है?

  • जब से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 की घोषणा की गई है। तब से देश के कई राज्यों ने इसके विरोध में आवाज उठाई है। क्योंकि कई राज्यों की सरकार को लगता है, की मातृभाषा के साथ शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाने के बजाय अंग्रेजी भाषा को ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए।
  • NEP 2020 में संस्कृत को भी बढ़ावा दिया गया है। जिसके चलते कहा जा रहा है, की संस्कृत को अन्य भाषाओं की तुलना में ज्यादा बढ़ावा देने से क्षेत्रीय भाषाओं को हानि पहुंचेगी।
  • इस नई नीति में त्रिभाषा पर जोर दिया गया है। यानी स्टूडेंट को तीन भाषाओं का ज्ञान कराया जाएगा। मगर तमिलनाडु सरकार केवल दो भाषाओं की शिक्षा नीति का पालन करना चाहती है।
  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 सरकारी और प्राइवेट सभी स्कूलों पर लागू की जाएगी। जिसके चलते हो सकता है, कि प्राइवेट स्कूलों की आमदनी में कमी आये। जो कहीं ना कहीं देश की जीडीपी में बड़ा योगदान देती है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एमके स्टालिन के बीच टकराव 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री MK स्टालिन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए आरोप लगाया है, कि केंद्र सरकार उन राज्यों को फंड देने से इनकार कर रही है. जो नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 को लागू करने में आपत्ति जाता रहे है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बीच NEP 2020 को लेकर जुबानी जंग सोशल मीडिया के माध्यम से जारी है। तमिलनाडु सरकार इस नई शिक्षा नीति को स्वीकार करने में आपत्ति जाता रही है। सरकार का मानना है, कि इस नई शिक्षा नीति में कई त्रुटियां हैं। और कई अनावश्यक चीजें जबरन लागू की जा रही है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कब से लागू होगी

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 को 29 जुलाई 2020 को मंजूरी मिली थी। मगर कोरोना महामारी के चलते इसे लागू करने मे काफी व्यवधान आया है। कई राज्य सरकारों द्वारा इस नई नीति का विरोध किया जा रहा है। जिसके कारण इसे लागू होने में फिलहाल थोड़ा और समय लग सकता है।

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