Aerospace Engineering Courses After 12th: इस एक कोर्स से मिलेगा इसरो में काम करने का मौका

Aerospace Engineering Courses After 12th: अगर आप इंजीनियरिंग के क्षेत्र में ही करियर बनाना चाहते है, और आपको स्पेस, एयर क्राफ्ट और फाइटर जेट्स जैसी चीजों में काफी रूचि है. तो आप Aerospace Engineering करके अपने करियर की अच्छी शुरुआत कर सकते है. जहाँ न सिर्फ आपको अपनी रूचि का काम करने का अवसर मिलता है, बल्कि देश-दुनिया के उच्च संस्थानों जैसे इसरो और नासा में भी काम करने के रास्तें खुलते हैं।

समय के साथ अंतरिक्ष इंजीनियर की डिमांड भी काफी तेजी से बढ़ रही है. और सैलरी भी ज्यादा ऑफर की जा रही है। आइये जानते है Aerospace Engineering कैसे करें? साथ ही जॉब स्कोप, सैलरी और अन्य आवश्यक जानकारी जो आपको यह कोर्स शुरू करने से पहले आवश्यक रूप से जान लेनी चाहिए।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग क्या है?

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का संबंध आसमान में उड़ने वाली मानव निर्मित चीजों से हैं। ऐरोस्पेस इंजीनियर का काम विमान, हेलीकॉप्टर, रॉकेट और अंतरिक्ष यान का डिजाइन, निर्माण से जुड़ा और इनका रख रखाव करना होता है। एक एयरोस्पेस इंजीनियर को विज्ञान और गणित के साथ-साथ अन्य कई विषयों के गहरे ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है। जिसके लिए ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग कोर्स एक माध्यम बनता है। यह एक प्रकार का एडवांस डिग्री कोर्स है। आईए इसके बारे में विस्तार से जानकारी लेते हैं।

एजुकेशन क्वालिफिकेशन (योग्तया) 

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दाखिला लेने के लिए आपको 12वीं क्लास में रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान और गणित विषय के साथ कम से कम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना होगा। इसके बाद स्नातक की डिग्री पूरी करनी होगी। जिसमें B.E., B.S. या बीटेक अथवा इसके समकक्ष डिग्री कर सकते हैं। जो 4 साल का एक कठिन पाठ्यक्रम है। जिसमें गणित कंप्यूटेशनल फार्मूला और विज्ञान का गहराई से अध्ययन कराया जाता है।

अन्य जरूरी मापदंड 

अगर आप अंतरिक्ष इंजिनीयरिंग के क्षेत्र में करियर शुरू करने जा रहे हैं, तो आपकी सोचने समझने की क्षमता काफी तेज होनी चाहिए। कठिन परिस्थितियों में डिजाइन, अंतिम उत्पाद, सामग्री और परियोजनाएं विफल हो सकती है। ऐसी स्थिति में एक बेहतर फैसला लेने की क्षमता आप में होनी चाहिए।

एयरोस्पेस इंजीनियर टीम के साथ मिलकर अपने प्रोजेक्ट को आगे बढाते हैं। ऐसे में आपको एक लीडर और टीम वर्कर के तौर पर काम करना होगा। 

आपमें साफ और स्पष्ट लिखने का कौशल होना चाहिए। ताकि आपके डिजाइन और योजना को टीम कार्यकर्ता अच्छे से पढ़ और समझ सके। ताकि अंतिम परिणाम पर कोई प्रभाव न पड़े।

अंतरिक्ष इंजिनीयरिंग के पॉपुलर कोर्स और कॉलेज

अंतरिक्ष इंजिनीयरिंग महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध कोर्सेज की जानकारी नीचे दी गई है।

कोर्स नाम अवधि 
BE in Aerospace Engineering4 साल 
BS in Aerospace Engineering4 साल 
BS (Hons) in Aerospace Engineering4-5 साल 
MS in Aerospace Engineering4 साल 
MTech in Aerospace Engineering1.5 से 2 साल 
PhD in Aerospace Engineering2 साल 
B.Tech in Aerospace Engineering4 से 6 साल 

Aerospace Engineering Best College in India

कॉलेज का नाम फीस (संभावित) 
बीएस अब्दुर रहमान क्रिसेंट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, चेन्नई₹8.35 लाख
NIT Delhi₹5 लाख 
RVCE बैंगलोर ₹3–5 लाख 
एलायंस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड डिज़ाइन, एलायंस यूनिवर्सिटी₹3–5 लाख

एयरोस्पेस इंजीनियर क्या काम करता है?

एक एयरोस्पेस इंजीनियर की भूमिका काफी जटिल और चुनौती पूर्ण होती है। जिसमें वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए उपग्रह, अंतरिक्ष यान, विमान का डिजाइन परीक्षण करता है। और नए उत्पाद विकसित करता है। वह सबसे नवीनतम टेक्नोलॉजी के साथ दुनिया की सबसे जटिल समस्याओं का समाधान निकालने में निपुण होता है।

अंतरिक्ष इंजिनीयरिंग जॉब विकल्प और सैलरी

एयरोस्पेस इंजीनियर की डिमांड समय के साथ में तेजी से बढ़ रही है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने के बाद आप निम्नलिखित क्षेत्रों में कैरियर बना सकते हैं। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने के बाद कॉर्पोरेट रिसर्च कंपनियां, वायु सेवा, रक्षा मंत्रालय, विमान निर्माता कंपनियां, नासा, इसरो, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड जैसी बड़ी संस्थाओं और कंपनियों में नौकरी कर सकते हैं। जो आपके करियर को समय के साथ गति देगा। एक एयरोस्पेस इंजीनियर को शुरुआती समय में 50 से 60,000 हजार रुपये तक सैलरी मिलती है। जो समय और अनुभव के साथ लाखों में पहुंचती है।

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