दुनिया में मौजूद मोबाइल में से लगभग 71.17% मोबाइल एंड्राइड जबकि 28.33% मोबाइल iOS ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। मगर अब यह आंकड़ा डगमगाने वाला है। क्योंकि Huawei द्वारा हाल ही में अपना खुद का नया ऑपरेटिंग सिस्टम Harmony OS लॉन्च कर दिया गया है।
कंपनी द्वारा यह नया ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड और आईओएस को टक्कर देने के लिए लांच किया है। कंपनी के आगामी सभी स्मार्टफोन अब खुद के ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ लॉन्च किए जाएंगे। जो अगले साल तक संभव होगा। आइए जानते हैं Huawei का Harmony OS एंड्रॉयड और आईओएस से किस तरह अलग है? और इसमें क्या कुछ खास मिलने वाला है?
Huawei ने लॉन्च किया अपना खुद का OS
चाइनीस टैग कंपनी हुआवेई ने हाल ही में अपना नया ऑपरेटिंग सिस्टम पेश किया है। जो स्मार्टफोन बाजार में एक बड़ा बदलाव लाएगा। ग्राहकों को अब एंड्रॉयड और आईओएस के अलावा भी विकल्प मिलने वाला है। इसके आने से चीन और अमेरिका के रिश्तों में भी बड़ा टर्निंग प्वाइंट आएगा। कंपनी के सीईओ रिचर्ज यू कहते हैं कि यह कंपनी की एक नई शुरुआत है। अगले साल तक कंपनी के सभी डिवाइसेज हार्मनी ओस नेक्स्ट ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ पेश किये जाएंगे। इस OS के साथ बहुत जल्द Mate X6, Huawei Mate 70 फोल्डेबल स्मार्टफोन और New MatePad Pro लांच हो सकते है.
कम्पनी एंड्राइड से पाना चाहती है छुटकारा
पिछले कुछ सालों में अमेरिका में हुआवेई कंपनी की कई बड़ी सुविधाओं पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। जिसके बाद कंपनी को मजबूरन एंड्रॉयड कंपनी की सुविधाओं के साथ अपने डिवाइस को तैयार करना पड़ा। मगर अब कंपनी तकनीकी तौर पर अमेरिका से पूर्ण रूप से स्वतंत्र और अलग-थलग होना चाहती है। इस योजना के प्रक्रम में ही कंपनी ने अपना खुद का नया ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया है। ताकि अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का कंपनी की सुविधाओं पर असर न पड़े। हुआवेई ने साल 2019 से ही एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम से दूरी बनाना शुरू कर दी थी। और जल्द से जल्द एंड्रॉयड से अपनी निर्भरता खत्म करना चाहती है।
कम्पनी ने साल की शुरुआत में ही Mate 60 सीरीज पेश की थी. इसमें कम्पनी का खुद का प्रोसेसर इस्तेमाल किया गया था. जहाँ ज्यादातर मोबाइल कम्पनियाँ मीडिया टेक या क्वालकॉम के प्रोसेसर पर निर्भरता रखती है, वही कम्पनी अब खुद को मजबूत आधार के साथ आगे बढ़ा रही है.
साल 2019 में ट्रंप सरकार ने हुआवेई कंपनी पर कैंची चलाई और अमेरिका में कंपनी के लिए कड़े प्रतिबंध नियम लगाकर तगड़ा झटका दिया। अब एक बार फिर ट्रंप सरकार के आने से कंपनी पर संकट के बदले छाए हैं। इसके चलते कंपनी ने अपने खुद के ऑपरेटिंग सिस्टम और दूसरी सेवाओं का आधार मजबूत करने में तेजी दिखाई है।
मिलेंगे कई इनोवेटिव फीचर्स
कंपनी अपने ऑपरेटिंग सिस्टम में ज्यादा से ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस फीचर्स जोड़ने पर जोर दे रही है। फोटो एडिटिंग से लेकर ट्रांसलेशन, कॉलिंग और साइबर सुरक्षा जैसे सभी खास फीचर्स AI आधारित होंगे। इसके आने से यूजर्स का मोबाइल इस्तेमाल करने का अनुभव पूरी तरह से बदलने वाला है। कुछ समय पहले ही कंपनी ने दुनिया का पहला ट्रिपल फोल्डेबल स्माटफोन लॉन्च किया था। जो कंपनी की क्रिएटिविटी का एक अनोखा प्रमाण है।
लॉन्च होने पर इस ऑपरेटिंग सिस्टम में लगभग 15,000 से भी ज्यादा एप्लीकेशंस उपलब्ध होंगे। मगर कंपनी अपने इकोसिस्टम के साथ ग्राहकों को एक नया अनुभव देने की कोशिश कर रही है। जिसके मुताबिक अगले 12 से 18 महीने की अवधि में ही लगभग 1 लाख से भी ज्यादा एप्लीकेशन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।