Google Tensor Chipset गूगल द्वारा तैयार किया गया एक सिस्टम ऑन चिप (SoC) है। जो खास तौर पर गूगल पिक्सल स्मार्टफोन के लिए तैयार किया गया था। यह चिपसेट एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) के साथ बेहतर तरीके से काम करता है। जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के बेहतर इस्तेमाल की सुविधा मिलती है। यह चिपसेट यूजर्स को ज्यादा कस्टमाइज करने की सुविधा तो देता ही है मगर साथ ही साथ यह ग्राहकों की साइबर सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। आईए जानते हैं आखिर गूगल टेंसर चिपसेट और स्नैपड्रेगन में कौन सा बेहतर है? और क्यों?
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गूगल को Tensor Chipset का निर्माण क्यों करना पड़ा
बाजार में पहले से क्वालकॉम स्नैपड्रेगन प्रोसेसर काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। जो ग्राहकों की लगभग सभी जरूर और उम्मीद पर खरा भी उतरता है। मगर फिर भी गूगल ने गूगल टेंसर चिपसेट बाजार में पेश किया। इसके पीछे कई कारण हैं।
अधिक कस्टमाइजेशन की सुविधा: गूगल अपने पिक्सल स्मार्टफोन को नए अनुभव के साथ पेश करना चाहता था। जो अन्य एंड्रॉयड स्मार्टफोन से अलग हो। जिसमें ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा पर्सनल कस्टमाइजेशन की सुविधा मिले। Tensor Chipset के साथ गूगल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बेहतर ढंग से काम करते हैं। जो यूजर एक्सपीरियंस देते हैं।
AI और ML सुविधाओं का विस्तार: आजकल हर कंपनी अपने उत्पाद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने पर जोर दे रही है। साथ ही मशीन लर्निंग को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जिसको ध्यान में रखते हुए गूगल ने टेंसर चिपसेट पेश किया है। यह स्नैपड्रेगन के मुकाबले ज्यादा बेहतर एआई और मशीन लर्निंग कार्यों के लिए अनुकूल (ऑप्टिमाइज) किया गया है। जिसमें गूगल असिस्ट, कैमरा AI फीचर्स और कई एआई संचालित फीचर्स और सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
गूगल टेंसर चिपसेट परफ़ॉर्मेंस टेस्ट
गूगल टेंसर चिपसेट के परफॉर्मेंस टेस्ट में मिलते- जुलते परिणाम दिखाए गए हैं। कुछ परीक्षणों में यह स्नैपड्रेगन चिपसेट से बेहतर प्रदर्शन करता है। तो कुछ में स्नैपड्रेगन से पीछे रह जाता है। हालांकि इस चिपसेट की सबसे बड़ी खूबी इसकी एआई और मशीन लर्निंग क्षमता है। जो स्नैपड्रेगन चिपसेट से कई गुना ज्यादा बेहतर है। जो टेंशन चिपसेट बनाने का एक मुख्य उद्देश्य भी है। जो सफल होता नजर आता है।
क्या गूगल टेंसर चिपसेट स्नैपड्रैगन 888 से ज्यादा बेहतर है?
गूगल टेंसर चिपसेट और स्नैपड्रैगन 888 में कौन सा बेहतर है यह बताना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि यह पूरी तरह से ग्राहकों की जरूरत पर निर्भर करता है। जैसे अगर ग्राहक को गेमिंग के लिए मोबाइल खरीदना है, तो वह स्नैपड्रैगन 888 के साथ ज्यादा उचित रहेगा। जबकि एआई और मशीन लर्निंग की सुविधाओं का इस्तेमाल करने और ज्यादा कस्टमाइजेशन के लिए ग्राहक टेंसर चिपसेट के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
गूगल टेंसर चिपसेट कौन बनाता है?
गूगल ने भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग के साथ मिलकर साल 2016 में टेंसर चिपसेट तैयार करने की शुरुआत की थी। कई सालों तक गहराई से रिसर्च और शोध करने के बाद साल 2021 में गूगल टेंसर चिपसेट लॉन्च किया गया। इसके बाद 2022 में टेंसर G2, 2023 में G3 और 2024 में G4 को बाजार में लाने में गूगल सफल रहा।
गूगल के AI चिप्स कौन बनाता है?
गूगल एआई को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने पर जोर दे रहा है। जिसके लिए उसे एआई चिप्स की जरूरत पड़ती है। गूगल एआई चिप के लिए सैमसंग, एनवीडिया और ब्रॉडकॉम जैसी Tech कंपनियों के साथ साझेदारी करते हुए आगे बढ़ रहा है। गूगल के टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट (TPU) एनवीडिया द्वारा ही तैयार की गई है।
Google Tensor Chipset वाला पहला फ़ोन कौन सा है?
गूगल पिक्सल 6 और पिक्सल 6 प्रो स्मार्टफोन गूगल टेंसर चिपसेट के साथ तैयार किये जाने वाले पहले स्मार्टफोन है। जिन्हें साल 2021 में लॉन्च किया गया था। इसके बाद गूगल पिक्सल सीरीज के सभी स्मार्टफोन में गूगल टेंसर चिपसेट मिलता है।