आजकल हर कोई अपना करियर कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बनाना चाहता है। जिसमें ज्यादातर लोग कोडिंग को एक शानदार विकल्प मानते हैं। पिछले दो दशक में कोडिंग की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है। इसके साथ ही कोडर्स की सैलरी भी आसमान छू रही है। कोडिंग टेक्नोलॉजी का मूलाधार है। इसके बगैर इंटरनेट और टेक्नोलॉजी की कल्पना करना एक व्यर्थ का प्रयास होगा। कोडिंग के माध्यम से ही वेबसाइट, एप्लीकेशन, सॉफ्टवेयर और गेम आदि बन पाते हैं। अगर आप कोडिंग सीखने का विचार कर रहे हैं, तो आपको कुछ बुनियादी चीजों के बारे में जान लेना चाहिए। जिनके बारे में हम इस लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे।
कोडिंग कैसे सीखें?
कोडिंग डिजिटल दुनिया में अत्यंत महत्वपूर्ण स्किल मानी जाती है। जो किसी भी एप्लीकेशन या वेबसाइट से लेकर मिलों दूर अंतरिक्ष में भेजी गई सैटेलाइट तक को नियंत्रित करने में इस्तेमाल की जाती है। कोडिंग सीखना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। इसके लिए कई शॉर्ट टर्म प्रोग्राम कोर्स और डिग्री कोर्स के विकल्प उपलब्ध है।
कोडिंग के लिए सबसे अच्छी डिग्री
अगर आप कोडिंग सीखने के साथ-साथ अपनी डिग्री भी पूरी करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको BCA और बी. टेक जैसे डिग्री कोर्सेज की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। जिनकी अवधि 2 से 4 साल के बीच रहती है। और इसका खर्च करीब 1.5 लाख तक पहुंचता है।
दूसरी ओर अगर आप सिर्फ सीखने और सर्टिफिकेट पाने की की योजना बना रहे हैं। तो आप कई शॉर्ट टर्म प्रोग्राम के माध्यम से कोडिंग सीख सकते हैं। इसमें 6 से 12 महीने तक का समय लग सकता है। शॉर्ट टर्म में कोर्स की फीस 25 से 35 हज़ार के करीब रहती है।
कोडिंग कोर्स में क्या सिखाया जाता है?
- बेसिक प्रोग्रामिंग कॉन्सेप्ट्स
- कंट्रोल फ्लो
- डेटा स्ट्रक्चर्स
- ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP)
- डेटाबेस मैनेजमेंट
कोडिंग कोर्स में छात्रों को कई प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान कराया जाता है। जिसमें मुख्य रूप से HTML, CSS, C++, पाइथन, जावा स्क्रिप्ट, PHP, SQL, रूबी और कोटलिन भाषाएं शामिल है। जो आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। इसके अलावा कई प्री-बिल्ड लाइब्रेरीज जैसे नोड जेएस और रिएक्ट नेटिव आदि की भी गहराई से जानकारी कराई जाती है।
कोडिंग सिखने के लिए बेस्ट संस्थान (ऑनलाइन और ऑफलाइन)
कोडिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मोड़ से ही सीखी जा सकती है। भारत में NIIT, Aptech, और साइबर सिक्योरिटी एंड डाटा साइंस इंस्टीट्यूट ऐसे और भी कई संस्थान है। जहां से ऑफलाइन मोड में कोडिंग सीखी जा सकती है। हालही में PW (फिजिक्स वाला) शिक्षा प्लेटफार्म द्वारा भी कोडिंग प्रोग्राम शुरू किया गया है। जो कोडिंग सीखने के लिए एक अच्छा माध्यम है।
वही ऑनलाइन कोडिंग सीखने के लिए Coursera, Udacity और यूडेमी जैसी कई लर्निंग प्लेटफॉर्म हैं। जहां से ऑनलाइन कोडिंग कोर्स खरीदकर सिख सकते हैं।
हालांकि जो लोग कोडिंग की फीस वहन (अफोर्ड) नहीं कर सकते। उनके लिए भी यूट्यूब पर कोडिंग के कई बेहतरीन फ्री कोर्स उपलब्ध है। जिसमें “अपना कॉलेज” यूट्यूब चैनल और “कोड विद हैरी” यूट्यूब चैनल विजिट कर सकते हैं. यहां आपको फुल स्टैक वेब डेवलपमेंट और वेब एप्लीकेशन जैसे कई कोर्स की प्लेलिस्ट मिल जाएगी। जहां से आप फ्री में कोडिंग सीखकर अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
कोडिंग सीखने के बाद जॉब कैसे मिलेगी
कोडिंग सीखने के बाद आपको आवश्यक रूप से इंटर्नशिप करनी चाहिए। जहां आपको कोडिंग के क्षेत्र में अच्छा अनुभव मिलेगा। इसके बाद आप किसी भी कंपनी में वेब डेवलपर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डाटा साइंटिस्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर, फुल स्टैक डेवलपर आदि की पोस्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। साथ ही ऑनलाइन जॉब ढूंढने के लिए naukari.com, Linkedin और Indeed जैसे प्लेटफार्म का भी सहारा ले सकते हैं।
भारत में एक फ्रेशर कॉडर की शुरुआती सैलरी ढाई से 3 लाख सालाना रहती है। हालांकि सैलरी स्किल और अनुभव पर भी निर्भर करती है। इसके बाद अनुभव और कौशल के मुताबिक सैलरी बढ़ती जाती है।