वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना को मोदी सरकार की मौजूदगी में कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह नई योजना भारत की शिक्षा और शोध प्रणाली को नई तस्वीर देगी। योजना की शुरुआत जनवरी 2025 से हो सकती है। जिसके चलते लाखों टीचर्स, स्टूडेंट्स और रिसचर्स को फायदा मिलेगा। सरकार ने योजना के सुचारू संचालन के लिए लगभग 6000 करोड रुपए की राशि आवंटित की है। आइए जानते हैं वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन इंडिया योजना क्या है? और यह शिक्षा के क्षेत्र में किस तरह बदलाव लाएगी।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना क्या है?
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन मोदी सरकार की एक नई शुरुआत है। जिसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं, ई-बुक्स और अन्य शोध सामग्री एकदम मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। इस नई क्रांतिकारी पहल के लिए सरकार प्रमुख पब्लिशिंग हाउस और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के साथ बड़े स्तर पर साझेदारी करने वाली है। ताकि देश के रिसर्चर्स और छात्रों को वैश्विक स्तर की शोध सामग्री उपलब्ध करा सके।
इस योजना के आने से शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। जो शोध सामग्री वर्तमान में केवल महंगी सदस्यता या संस्थाओं के माध्यम से ही हासिल की जा सकती है, उसे अब एक क्लिक में कोई भी ऑनलाइन मोड़ से प्राप्त कर सकेगा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यह योजना से देश के लगभग 6,300 सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों, 1.8 करोड़ रिसर्चर्स, फैकेल्टी और छात्रों के लिए गेम चेंजर साबित होगी। जिनमें भी खासकर टायर 2 और टेयर 3 जैसे शहरों में रहने वाले छात्रों को बड़ा योगदान मिलेगा।
6 हजार करोड़ का बजट पास
सरकार ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना को सफल बनाने के लिए लगभग 6000 करोड़ का बजट पास किया है। जो साल 2025, 2026 और 2027 के दौरान इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्र सरकार ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन के लिए लगभग 30 बड़े इंटरनेशनल जर्नल पब्लिशर्स के साथ हाथ मिलाया है। जो खोजों और हो रही रिसर्चों की जानकारी के एक बड़े संग्रह के साथ मदद करेंगे। सरकार इन इंटरनेशनल पब्लिशर्स को सीधे भुगतान करेगी।
One Nation One Subscription Scheme की मेंबरशिप कैसे ले?
NEP 2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के दौरान भारत के रिसर्च इकोसिस्टम को आधुनिक तकनीकी के साथ अपग्रेड करने की सिफारिश की गई थी। जिस पर काम करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का गठन किया है। ताकि छात्र आसान और डिजिटली देश दुनिया के रिसर्च आर्टिकल और जनरल पब्लिकेशन हासिल कर सके। इसका लाभ कोई भी छात्र या शोधकर्ता राज्य सरकार और केंद्र सरकार के प्रबंधन के तहत आने वाले किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र और विकास संस्थाओं के जरिए ले सकता है
छात्रों को एक जनवरी 2025 से केंद्रीय एजेंसी इनफॉरमेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क, इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के जरिए वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना की मेंबरशिप देना करना शुरू की जाएगी।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना के फायदे
- शोधकर्ताओं के लिए वरदान: शोधकर्ताओं को वैश्विक स्तर की शोध पत्रिकाओं और डेटाबेस का मुफ्त में एक्सेस मिलेगा। जिससे वैज्ञानिक शोध और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
- शिक्षा के क्षेत्र में समानता: गांव और दूरदराज इलाकों में रहने वाले छात्र भी शहरी छात्रों की तरह उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री पढ़ सकेंगे।
- देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा: इस योजना के आने से भारत की विदेशी लाइसेंस की निर्भरता कम होगी और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा।
- शिक्षा की लागत में कमी: इससे शिक्षा के खर्च में कमी आएगी और कम लागत में जरूरी शोध सामग्री हासिल कर सकेंगे।