B.Sc. Nursing Course: चिकित्सा के क्षेत्र में बनायें करियर, लाखों में होगी सैलरी

B.Sc. Nursing Course: बीएससी नर्सिंग (बैचलर ऑफ़ साइंस इन नर्सिंग) एक प्रकार का अंडरग्रैजुएट डिग्री कोर्स है। जो छात्रों द्धारा चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्राथमिक रूप से चुना जाता है। समय के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में काफी ज्यादा नोकरियों की डिमांड बढ़ने वाली है। ऐसे में अगर आप बीएससी नर्सिंग डिग्री कोर्स चुनते हैं, तो भविष्य में आपको रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। यह कोर्स करने के बाद आप ज्यादा सैलरी वाली नौकरी तो करते ही है। मगर साथ ही साथ आपको समाज सेवा का भी अवसर मिलता है। आईए बीएससी नर्सिंग कोर्स के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हैं।

B.Sc. Nursing Course क्या है?

अगर आप चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो आपके लिए सबसे आसान जरिया बीएससी नर्सिंग कोर्स है। जिसमें चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े कई विषयों का गहराई से ज्ञान कराया जाता है। साथ ही साथ व्यवहारिक ज्ञान की भी जानकारी दी जाती है। ताकि छात्र बुजुर्गों और मरीजों के साथ ज्यादा बेहतर तरीके से वार्तालाप कर सके और उन्हें पारिवारिक माहौल का अनुभव करा सके। आईए बीएससी नर्सिंग कोर्स के पाठ्यक्रम और अन्य जरूरी जानकारी पर नजर डालते हैं।

B.Sc. Nursing कोर्स योग्यता

बीएससी नर्सिंग में दाखिला लेने के लिए उम्मीदवार का 12वीं कक्षा में भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान विषयों के साथ कम से कम 45% अंकों से उत्तीर्ण होना जरूरी है। कई कॉलेज और संस्थाओं द्वारा एडमिशन से पहले एंट्रेंस एग्जाम या इंटरव्यू भी लिया जा सकता है। हालांकि यह सिर्फ आपकी मानसिक क्षमता का प्रशिक्षण लेने के लिए किया जाता है। 

BSc Nursing Courses कितने साल का होता है

BSc nursing course की अवधी आमतौर पर 4 साल की होती है। हालांकि कुछ संस्थाओं और विश्वविद्यालय में यह 3.5 से 4.5 साल तक भी हो सकता है। जिसकी फीस ₹20,000 से लेकर अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक पहुंचती है। 

BSc Nursing Courses Syllabus

बीएससी नर्सिंग कोर्स का सिलेबस संस्थाओं के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। मगर ज्यादातर विश्वविद्यालय और संस्थानों का पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है। 

  • आधारभूत विज्ञान: पाठ्यक्रम के इस भाग में एनाटॉमी यानी शरीर की रचना, फिजियोलॉजी (शरीर की क्रिया विज्ञान), बायोकेमेस्ट्री (जीव रसायन) और माइक्रो बायोलॉजी (सूक्ष्म जीव विज्ञान) आदि से छात्रों को शरीर के बारे में गहराई से जानकारी दी जाती है। यह उनके कोर्स का मूल आधार होता है।
  • नर्सिंग फाउंडेशन: इसमें छात्रों को नर्सिंग के सिद्धांत, नर्सिंग की भूमिका, रोगी की देखभाल करने का उचित तरीका, नैतिकता और कुछ कानूनी पहलुओं से अवगत कराया जाता है। जो उनके सफल करियर के लिए काफी ज्यादा मायने रखता है।
  • मेडिकल सर्जिकल नर्सिंग : इसमें छात्रों को खास प्रकार से उन रोगियों की देखभाल करना सिखाया जाता है। जिनकी सर्जरी की गई है। साथ हि इसमें हृदय रोगी, डायबिटीज और कैंसर के रोगी भी शामिल होते हैं।
  • कम्युनिटी हेल्थ नर्सिंग: इसमें छात्रों को समुदाय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तौर-तरीके सिखाए जाते हैं। स्वास्थ्य शिक्षा को लेकर जागरूकता और टीकाकरण अभियान को सफल बनाने की रणनीति से अवगत कराया जाता है। साथ ही चिकित्सा से जुड़ी सरकारी योजनाओं की भी जानकारी दी जाती है।
  • मेंटल हेल्थ नर्सिंग: जैसा की नाम से ही पता चलता है, की पाठ्यक्रम के इस भाग में छात्रों को मानसिक संतुलन खो चुके रोगियों की देखभाल करना सिखाया जाता है। जिसमें अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक मनोविकार से जूझ रहे रोगी शामिल है।
  • पेडियाट्रिक और मेटरनिटी नर्सिंग : इसमें छात्रों को छोटे बच्चों की देखभाल करना, नवजात शिशुओं की देखरेख और उनसे जुड़े रोगों की जानकारी दी जाती है। साथ ही प्रसव और प्रसूति संबंधिति जानकारी और गर्भवती महिलाओं की देखभाल के तौर तरिके सिखाये जाते है।

बीएससी नर्सिंग के लिए भारत के सबसे बेहतर कॉलेज

भारत में बीएससी नर्सिंग स्नातक डिग्री कोर्स के लिए कई विश्वविद्यालय है। जिनमें से सबसे प्रचलित विश्वविद्यालयो की सूची निचे दी गई है।

  1. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली
  2. मणिपाल विश्वविद्यालय
  3. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS), भोपाल
  4. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद
  5. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
  6. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर

जॉब स्कोप और सैलरी

बीएससी नर्सिंग करने के बाद छात्रों के पास करियर चुनने के कई विकल्प खुल जाते हैं। जिनमें अस्पताल, क्लिनिक, नर्सिंग होम और समुदाय स्वास्थ्य केंद्र सबसे प्रमुख है। 

वे स्टाफ नर्स के पद पर नौकरी कर सकते हैं। जिसमें रोगियों की दिनचर्या की देखभाल करना, समय पर दवाइयां देना और रोगियों का मनोबल बढ़ाना उनका काम होता है। 

हेड नर्स: इसमें नर्सिंग स्टाफ को मैनेज करना और रोगियों की देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना होता है।

इसके अलावा सुपरवाइजर, नर्सिंग ऑफिसर, पब्लिक हेल्थ नर्स और इंडस्ट्रियल नर्स जैसे कई विकल्प मिलते हैं। साथ ही साथ सरकारी भर्तियां भी बीएससी नर्सिंग छात्रों को प्राथमिकता देती है। जिसमें उन्हें सरकारी अस्पताल से लेकर सेना में नर्सिंग ऑफिसर के तौर पर शामिल होने का भी अवसर मिलता है।

शुरूआती समय में भारत में एक बीएससी नर्सिंग छात्र नौकरी करते हुए 20,000 से ₹35000 प्रति महीना कमाता है। हालांकि यह शुरुआती सैलरी उनके अनुभव, कौशल और कार्य स्थल के आधार पर तय की जाती है। समय और अनुभव के साथ उनकी सैलरी लाखों तक पहुंचती है। 

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