CAG Report Delhi: धीरे-धीरे सामने आ रहे है AAP के घोटाले, शराब से लेकर शिक्षा और चिकित्सा सब है निशाने पर

CAG Report Delhi News: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG Report) की रिपोर्ट्स ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के विभिन्न नीतियों और योजनाओं पर महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। इस रिपोर्ट्स में स्वास्थ्य क्षेत्र से लेकर शराब नीति तक की गहन जांच की गई है, जिससे केजरीवाल सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान केजरीवाल सरकार को केंद्र से मिले फण्ड को लेकर भी कई चौंका देने वाले खुलासे हुए है. आईए जानते हैं CAG रिपोर्ट से अब तक केजरीवाल सरकार के कौन-कौन से खुलासे हुए हैं।

CAG Report से हुआ खुलासा

CAG रिपोर्ट के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार से कोरोना महामारी के दौरान मिले 635 करोड रुपए में से 360 करोड रुपए तो खर्च ही नहीं किये। यह पैसा कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए खर्च किया जाना था। 

चौंका देने वाली बात यह है कि यह पैसा उस वक्त भी इस्तेमाल नहीं किया गया। जब दिल्ली में कोरोना लगातार तेजी से बढ़ रहा था और अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर और बुनियादी सुविधाएं भी पर्याप्त मात्रा में नहीं थी। ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि जो बजट स्वास्थ्य विभाग को दिया गया था। वह जरूरत के समय इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया?

साल 2016-17 से लेकर 2021-22 तक केजरीवाल सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं के लिए केंद्र से जो बजट मिला था। उसमें से लगभग 2,623 करोड रुपए भी केजरीवाल सरकार ने खर्च नहीं किया। जिससे कई योजनाएं सफल नहीं हो सकी। इस धनराशि का भी अब कोई हिसाब भी नहीं है, कि यह पैसा कहां गया।

CAG Report के अन्य खुलासे

  1. भारत सरकार ने डायग्नॉस्टिक सेवाओं और सैंपल ट्रांसपोर्ट के लिए दिल्ली सरकार को 371.06 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन इसमें से सिर्फ 68.91 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए। बाकी के पैसों का कोई हिसाब नहीं मिला।
  2. इसी तरह, ड्रग्स और मेडिकल सप्लाई, जिसमें PPE किट और मास्क भी शामिल हैं, जिनके लिए 119.85 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, लेकिन दिल्ली सरकार ने केवल 83.14 करोड़ रुपये ही इस्तेमाल किए।
  3. ह्यूमन रिसोर्स एक्सपोर्ट के लिए मिले 52 करोड़ रुपये में से भी सिर्फ 30.52 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए।
  4. भारत सरकार ने IEC/BEC (सूचना, शिक्षा और संचार/व्यवहार परिवर्तन संचार) के लिए 6.93 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसमें से केवल 6.20 करोड़ रुपये ही खर्च किए।
  5. AAP सरकार ने चार अलग-अलग बजटों में दिल्ली में 32,000 बेड के अस्पताल बनाने का वादा किया, लेकिन हकीकत में सिर्फ 1,235 बेड के अस्पताल ही बनाए गए। यानी केजरीवाल के भाषणों और जमीनी हालात में बड़ा अंतर है।

क्या होती है CAG रिपोर्ट

CAG Report भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार की जाती है। जो सरकारी विभाग और योजनाओं के वित्तीय लेनदेन की गहराई से जांच करती है और इसका उद्देश्य सरकारी धन के सही उपयोग को सुनिश्चित करना और अनियमितताओं को उजागर करना है। यह रिपोर्ट तैयार करने के बाद संसद और विधानसभा में प्रस्तुत की जाती है। जिससे सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है.

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