भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) एक बार फिर अंतरिक्ष में इतिहास रचने की तैयारी में जुट गया है। भारत सरकार द्वारा इसरो को चंद्रयान 5 मून मिशन (Chandrayaan 5 Moon Mission ISRO) के लिए मंजूरी दे दी गई है। इस मिशन के तहत इसरो चंद्रमा की सतह की बारीकी से स्टडी करेगा। जिसमें जापान भी भारत का पूरा सहयोग करने वाला है। चलिए इसके बारे में डिटेल में जानकारी देते हैं।
Chandrayaan 5 Moon Mission ISRO को मिली मंजूरी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रमुख वी नारायणन ने जानकारी दी है कि चंद्रयान 5 मून मिशन को सरकार की ओर से मंजूरी दे दी गई है। इस मिशन में ढाई सौ किलोग्राम (चंद्रयान-3 में 25 किलोग्राम रोवर) का रोवर शामिल किया गया है। जो चंद्रमा की सतह पर लैंड करके सतह का विस्तृत अध्ययन करेगा। इसरो चीफ आगे कहते हैं कि इस मिशन में भारत के साथ जापान ने भी कदमताल की है। दोनों देश मिलकर एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ इस मिशन को पूरा करेंगे।
Chandrayaan 5 Moon Mission कब शुरू होगा
सितंबर 2024 में चंद्रयान-4 को सरकार से मंजूरी मिली थी। यह मिशन 2027 में लॉन्च किया जाएगा। जबकि 2028 में भारत पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान भी लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इसके बाद Chandrayaan 5 मून मिशन शुरू होने की संभावना बनती नजर आ रही है।
भारत के चंद्रयान मिशन
- चंद्रयान-1 मिशन साल 2008 में लॉन्च किया गया था। जिसमें भारत चांद पर पानी खोजने में सफल हुआ था। इसके अलावा खनिज फोटो-भूगर्भीक डाटा और रासायनिक जानकारी मिली थी।
- चंद्रयान मिशन 2 साल 2019 में शुरू हुआ था। जो चांद के काफी करीब तो पहुंच गया था। मगर सफल लैंड नहीं हुआ। चंद्रयान मिशन 2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरें अभी भी भेज रहा है।
- चंद्रयान-3 साल 2023 में शुरू हुआ था। जिसके तहत चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की गई थी.
- अब भारत साल 2027 में चंद्रयान मिशन का लॉन्च करने की तैयारी में जुटा हुआ है। जिसका लक्ष्य चांद की सतह से मिट्टी पत्थर और अन्य नमूने धरती पर लाना है। ताकि वहां की हर बारीक से बारीक जानकारी जुटाई जा सके। जो चंद्रयान मिशन 5 के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।