Vanvaas Movie Review in Hindi: नाना पाटेकर और उत्कर्ष शर्मा की वनवास देख रोने पड़ें दर्शक, जानें क्या है ऐसा इस फिल्म में

Vanvaas Movie Review: अनिल शर्मा निर्देशित वनवास फिल्म आज 20 दिसंबर 2024 को इंडियन सिनेमा में रिलीज कर दी गई है। जिसमें नाना पाटेकर और ग़दर 2 फिल्म स्टार उत्कर्ष शर्मा केंद्र भूमिका में नजर आते हैं। यह फिल्म समाज को आईना दिखाने का काम करती है। जिसमें पारिवारिक रिश्तों को करीब से दिखाने का काम किया गया है। दर्शक फिल्म देखकर मायूस भी हो रहे हैं, क्योंकि फिल्म की कहानी दर्शकों दिल पर सीधा असर करती है। आइए Vanvaas Movie Review in Hindi के बारें में विस्तार से चर्चा करते हैं.

Vanvaas Movie Released 

वनवास फिल्म नाना पाटेकर और उत्कर्ष शर्मा के इर्द-गिर्द घूमती है। जिसमें उत्कर्ष शर्मा के साथ सिमरन कौर भी नजर आई है। उत्कर्ष और सिमरन की जोड़ी पिछले साल रिलीज हुई ग़दर एक प्रेम कथा भाग 2 में देखने को मिली थी। इसके अलावा वनवास फिल्म में राजपाल यादव ने अपनी जबरदस्त कॉमेडी से दर्शकों का तगड़ा मनोरंजन किया है। वनवास फिल्म अनिल शर्मा द्वारा डायरेक्ट की गई है।

वनवास फिल्म की कहानी क्या है (Vanvaas Movie Story in Hindi)

वनवास फिल्म की कहानी काफी इमोशनल है। जिसमें दिखाया जाता है, कि नाना पाटेकर अपने परिवार से बिछड़ जाते हैं और आगे चलकर एक अजनबी शख्स से उनकी मुलाकात होती है। यह अजनबी शख्स कोई और नहीं बल्कि उत्कर्ष शर्मा का किरदार होता है। शुरुआत में तो दोनों के बीच लड़ाई झगड़ा होता है।

मगर धीरे-धीरे इनकी दोस्ती हो जाती है। कुछ समय बाद नाना पाटेकर को उनका बिछड़ा हुआ परिवार वापस मिल जाता है। मगर वे अपने परिवार के साथ रहने के बजाय अपना खुद का पिंडदान कर देते हैं। वे कहते हैं कि मेरी मौत पर रोने वाला भी कोई नहीं है। इसलिए मैं खुद ही मेरी मौत पर रो रहा हूं. अब नाना पाटेकर ने अपने साथ ऐसा क्यों किया? यह तो आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा।

Vanvaas Movie Review in Hindi

फिल्म मुख्य रूप से समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। जिसमें मॉडर्न जमाने की असलियत दिखाने की कोशिश की गई है। कैसे मां-बाप अपने बच्चों को कठिनाइयों का सामना करते हुए उनका पालन-पोषण करते हैं और उन्हें पढ़ा लिखा कर बड़ा करते हैं। मगर जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो वे अपने माता-पिता का सहारा बनने के बजाय उन्हें घर से निकाल देते हैं। या अनाथ आश्रम छोड़ आते हैं। फिल्म समाज को सच्चाई दिखाने का प्रयास करती है। जिसे देख दर्शकों की आंखों में आंसू आ जाते हैं। 

फिल्म का डायरेक्शन भी काफी बेहतरीन ढंग से किया गया है। यह फिल्म बिना समय लिए सीधे ही अपनी मूल कहानी की ओर तेजी से आगे बढ़ती है। फिल्म को जिस वातावरण में फिल्माया गया है, वह इसकी कहानी से मेल खाता है। कलाकारों की एक्टिंग ने फिल्म को जीवंत कर दिया।

वनवास फिल्म देखें या नहीं

आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। जिसमें आपको न सिर्फ मनोरंजन बल्कि समाज की स्थिति को समझने का भी अवसर मिलेगा। यह फिल्म देखकर आपके विचार और माता-पिता के प्रति व्यवहार काफी हद तक बदल जाएगा।

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