UGC ने किया नियमों में बड़ा बदलाव, अब NET और PHD विषयों से बन सकेंगे यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर

By: महेश चौधरी

Last Update: January 7, 2025 11:45 AM

now professor can be make in universities only on the basis of phd and net subjects
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UGC द्वारा हाल ही में ड्राफ्ट जारी किया गया है। जिसके मुताबिक अब कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती व पदोन्नति के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब सिर्फ नेट और PHD में चुने गए विषयों के आधार पर ही नए शिक्षकों की भर्ती की जा सकेगी। यह बदलाव शिक्षा जगत में बड़ा परिवर्तन लाएगा। आइये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

UGC ने शिक्षक भर्ती योग्यता में किया बदलाव  

यूजीसी द्वारा हालही में घोषणा की गई है। जिसके मुताबिक विश्वविद्यालय और कॉलेज में शिक्षक भर्ती के लिए न्यूनतम पात्रता में बदलाव किया गया है। जहां पहले ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएट और PHD या नेट में जिस विषय के साथ उम्मीदवार ने पढ़ाई की है। वे केवल उसी विषय के शिक्षक बन सकते थे। मगर अब इस बाध्यता को खत्म कर दिया गया है।

अब बेशक चाहे उम्मीदवार ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में किसी भी सब्जेक्ट के साथ पढ़ाई की हो। मगर PHD या नेट में जिस सब्जेक्ट के साथ डिग्री पूरी की है। उससे संबंधित विषय के शिक्षक पदों के लिए आवेदन करने के योग्य माने जाएंगे।

शैक्षणिक प्रदर्शन की जगह कौशल का महत्व बढ़ा 

UGC ने उच्च शिक्षण संस्थानों से अध्यापकों की पदोन्नति करने के लिए उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को आधार मानने के बजाय उनके अनुभव कौशल को महत्व दिया जाएगा। जिसमें योग, विजुअल आर्ट, संगीत कला, मूर्ति कला और नाटक जैसे क्षेत्र से जुड़ी प्रतिभाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। यूजीसी के इस फैसले का हर कोई सम्मान कर रहा है। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।

अगले 6 महीने में होगा नया नियम लागू 

यूजीसी ने यह नया बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत किया गया है। जिसे अगले 6 महीने के अंदर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनाने का आदेश दिया गया है। जिसमें स्वायत्त कॉलेज, कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय सभी शामिल है।

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