Journalism in Finance Writing: फाइनेंस पत्रकारिता में करियर कैसे शुरू करें?

Journalism in Finance Writing: पिछले एक दशक में लोगों की रुचि में जबरदस्त बदलाव आया है। अब लोग न सिर्फ मनोरंजन बल्कि फाइनेंस, इन्वेस्टिंग और बिज़नेस से जुड़ी खबरों में भी गहरी रुचि लेने लगे हैं। जिसके चलते फाइनेंस जर्नलिज्म का क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है। जो युवाओं के लिए एक शानदार और सुरक्षित (जॉब) करियर विकल्प बन गया है। Journalism Finance Writing पत्रकारिता की एक बड़ी कड़ी है। जिसमें करियर शुरू करना एक फायदेमंद खत्म साबित होगा। Journalism Finance Writing Course क्या है? और इसमें अपना करियर कैसे बनाएं, की विस्तृत जानकारी नीचे उपलब्ध कराई गई है।

Journalism Finance Writing Course क्या है 

Journalism in Finance Writing Course में आपको समाचार और फीचर रिपोर्टिंग से जुड़े मीडिया कानून और बुनियादी चीजों की जानकारी दी जाएगी। जो एक फाइनेंस जर्नलिज्म को आवश्यक रूप से पता होनी चाहिए। साथ ही फाइनेंस खबरों को लिखना और उनकी सत्यता की जांच करना आदि कौशल प्राथमिक रूप से सिखाए जाते हैं। फाइनेंशियल जर्नलिज्म राइटिंग के क्षेत्र से जुड़े जटिल शब्दों को आसान और रोचक तरीके से आम जनता तक पहुंचाने की कला सिखाई जाती है। ताकि लोगों को समाचार पढ़ते और सुनते समय उसमें बोरियत महसूस नहीं हो। और लंबी खबरों में भी अंत तक रुचि बनाए रखें । 

Journalism in Finance Writing course की योग्तया 

जर्नलिज्म इन फाइनेंस राइटिंग कोर्स करने के लिए आप शॉर्ट टर्म, डिप्लोमा और डिग्री का विकल्प चुन सकते हैं। इस कोर्स में डिग्री और मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए आपको 10th +2 ( मास्टर डिग्री के लिए ग्रेजुएशन) की आवश्यकता होगी। इसके बाद ही जर्नलिज्म कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। जर्नलिज्म इन फाइनेंस राइटिंग कोर्स में मास्टर डिग्री पूरी करने के कई फायदे हैं। जो आपको एक बड़े प्लेटफार्म पर जॉब दिलाने के साथ-साथ अच्छी सैलरी में भी मदद करेगी।

शॉर्ट टर्म और डिप्लोमा के लिए यह कोर्स 10th + 2 के बाद शुरु किया जा सकता है। जिसमें फाइनेंस जर्नलिज्म राइटिंग के बुनियादी स्तर को काफी गहराई से सीखाया और समझाया जाता है। जो आगे की जर्नलिज्म जर्नी में मददगार साबित होगा। 

Journalism in Finance Writing course Duration

कोर्स की अवधि कोर्स के प्रकार पर निर्भर करती है। शॉर्ट टर्म और डिप्लोमा कोर्स चुनने पर इसे 6 से 8 महीने में पूरा किया जा सकता है। जबकि डिग्री के उद्देश्य से कोर्स में दाखिला लेने पर कम से कम 2 वर्ष और मास्टर डिग्री के लिए कम से कम 3 वर्ष का समय लगेगा। साथ ही 3 से 6 महीने की इंटर्नशिप भी जरूरी है। जो फाइनेंस जर्नलिज्म राइटिंग के क्षेत्र से जुड़ी प्रैक्टिकल नॉलेज और अनुभव दिलाएगी।

जर्नलिज्म इन फाइनेंस राइटिंग कोर्स की फीस

जर्नलिज्म इन फाइनेंस राइटिंग कोर्स शॉर्ट टर्म और डिप्लोमा के तौर पर करने पर यह 20 से 25 हज़ार में किया जा सकता है। जबकि बैचलर और मास्टर डिग्री करने पर यह कोर्स 40 हज़ार से 2 लाख तक पहुंच सकता है। साथ ही इंस्टीट्यूट द्वारा दी जाने वाली फैसिलिटी के आधार पर फीस कम या ज्यादा हो सकती है।

जर्नलिज्म फाइनेंस राइटर की डिमांड और सैलरी 

जानकारी के लिए बता दे, समय के साथ वित्तीय पत्रकार यानी फाइनेंस राइटर की डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है। कंपनियां, स्टार्टअप, न्यूज़ चैनल और डिजिटल न्यूज़ पोर्टल फाइनेंस राइटर की तलाश में है। और आने वाले समय में यह डिमांड और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। जिसके चलते फाइनेंस जर्नलिज्म राइटर को तगड़ी सैलरी ऑफर की जाएगी। बता दे, भारत में एक फाइनेंशियल राइटर प्रति महीना 30 से 40 हज़ार सैलरी लेता है। हालांकि यह उसके अनुभव और अन्य कई पैरामीटर पर निर्भर करती है। 

जर्नलिज्म फाइनेंस राइटर जॉब रोल

जर्नलिज्म फाइनेंस राइटर की जॉब कई चैलेंजेज से भरी होती है। जिसमें उसे कई चीजों का ध्यान रखना होता है। फाइनेंस राइटर को स्टॉक मार्केट, व्यवसाय, स्टार्टअप, एंटरप्रेन्योरशिप, बैंकिंग सेक्टर, बीमा, इन्वेस्टिंग, ब्याज दर जैसी चीजों की गहरी नॉलेज होनी चाहिए। साथ ही इनसे जुड़े कानून भी पता होनी चाहिए।

बता दे, इस क्षेत्र में काफी बारीकी और सटीकता के साथ काम किया जाता है। इसलिए किसी भी खबर को लिखने के पश्चात उसकी सत्यता की जांच करना काफी आवश्यक होता है। किसी भी खबर की पुष्टि और सत्यता की परख करने के लिए पर्याप्त रिसोर्सेस और अनुभव होना आवश्यक है।

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