One Nation One Election Bill Hindi: मोदी सरकार लंबे समय से One Nation One Election Bill देश में लागू करने की योजना बना रही थी। जिसे आज 17 दिसंबर को कैबिनेट में पारित कर दिया गया है। वन नेशन वन इलेक्शन बिल के माध्यम से सरकार लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की योजना बना रही है। मौजूदा समय में भारत में चुनाव अलग-अलग होते हैं। जिसके कारण सरकारी कामकाज प्रभावित होता है और चुनावी खर्चे में भी बढ़ोतरी होती है। जिसको ध्यान में रखते हुए अब One Nation One Election Bill लागू करने की माँग उठाई जा रही है।
One Nation One Election Bill in Hindi
लोकसभा में मंगलवार को वन नेशन वन इलेक्शन बिल के लिए संविधान में 129वां संशोधन करने की मांग उठाई गई है। जिसके लिए इलेक्ट्रिक वोटिंग का सहारा लिया गया। जिसके परिणाम स्वरूप इस बिल के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 में मत डालें गए। मगर विपक्षी पार्टी के पलटफेर के बाद दुबारा पर्ची के माध्यम से वोटिंग प्रक्रिया कराई गई। जिसमें वन नेशन वन इलेक्शन बिल के पक्ष में 202 वोट और विपक्ष में 129 वोट आए।
इस दौरान लोकसभा में करीब 20 सांसदों की अनुपस्थिति रही। जिन्हें नोटिस जारी किया गया है। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव का कहना है कि यह बिल पास होने से बीजेपी की देश में तानाशाही बढ़ेगी और व्यवस्था भंग करने के लिए ही यह बिल पास किया जा रहा है।
संविधान में संशोधन के लिए दो तिहाई बहुमत जरूरी
संविधान में संशोधन करने के लिए कम से कम दो तिहाई बहुमतों की जरूरत होती है। लोकसभा की 546 सीटों में से एनडीए के पास अभी 292 सीटें हैं। जबकि दो तिहाई बहुमत के लिए 362 सीटों का होना जरूरी है। राज्यसभा में एनडीए के पास 245 सीटों में से केवल 112 सीटें हैं। और 6 मनोनीत सांसद भी एनडीए के समर्थन में खड़े हैं।
दो तिहाई बहुमत न होने की स्थिति में अब बिल को आम सहमति के साथ लागू करने की योजना बनाई जा रही है। जिस पर विस्तृत चर्चा के लिए सरकार JPC (संयुक्त संसदीय समिति) के पास अनुरोध भेज सकती है।
पूर्व राष्ट्रपति का बयान
वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर पूर्व राष्ट्रपति और समिति के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद ने कहा कि “भारत की अर्थव्यवस्था में मात्र 10% से 11% की बढ़ोतरी होने पर भारत दुनिया का तीसरा-चौथा सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है। जनसंख्या विकास और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने के लिए वन नेशनल वन इलेक्शन बिल एक शानदार और सक्षम मॉडल है। इस मॉडल को देश में लागू करने से राष्ट्र हित होगा।”
संविधान में होंगे ये 3 बड़े बदलाव
एक देश एक चुनाव बिल पर विचार करने के लिए राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2023 को एक नई कमेटी का गठन किया गया था। इस नई कमेटी ने 191 दिनों तक गहराई से रिसर्च करने और एक्सपर्ट से चर्चा करने के बाद 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को रिपोर्ट सोपी थी।
यदि यह नया बिल संविधान में लागू होता है तो संविधान में 1 नया अनुच्छेद जोड़ा जाएगा और तीन अनुच्छेदों में संशोधन होगा।
- अनुच्छेद 82 (A) : संविधान में अनुच्छेद 82(ए) जोड़ा जाएगा। ताकि राज्य विधानसभा और लोकसभा के चुनाव को एक साथ कराया जा सके।
- अनुच्छेद 83 : संविधान के अनुच्छेद 83 (संसद के सदनों का कार्यकाल) और अनुच्छेद 172 (राज्य विधानसभा का कार्यकाल) में संशोधन किया जाएगा।
- अनुच्छेद 327: संविधान के अनुच्छेद 327 के तहत विधानसभाओं के चुनावों से जुड़े कानून बनाने और उनका बहिष्कार करने की शक्ति संसद को प्राप्त है। जिसमें संशोधन किया जाएगा।
One Nation One Election Bill के फायदे
- राज्यसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ होने से चुनावी खर्चे में तगड़ी बचत होगी।
- बार-बार चुनाव कराने के कारण सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है। एक साथ चुनाव होने से यह समस्या पूरी तरह से दूर हो जाएगी।
- चुनावी प्रक्रिया को सकुशल संपन्न कराने के लिए सरकार को संसाधन जुटाने पड़ते हैं और प्रशासन पर दबाव बढ़ता है। दोनों चुनाव एक साथ होने से इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।
- एक साथ एक ही समय राज्यसभा और लोकसभा के चुनाव कराने से सुरक्षा बलों की तैनाती करने में आसानी रहेगी.