8 फरवरी को दिल्ली में बीजेपी ने चुनावी जीत हासिल की थी। जिसके दो सप्ताह बाद तक भी बीजेपी ने दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम को राज बनाकर रखा। जो 19 फरवरी को खत्म हो गया है। बीजेपी ने महिला उम्मीदवार रेखा गुप्ता को दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना है। जो एक ऐतिहासिक फैसला भी है। इससे पहले बीजेपी ने किसी भी महिलाओं उम्मीदवार को मुख्यमंत्री का पद भार नहीं सौंपा। चलिए जानते हैं ऐसे कौन-कौन से कारण है, जिनके आधार पर रेखा गुप्ता के हाथों में दिल्ली की कमान सौंपी गई है।
रेखा गुप्ता को ही क्यों बनाया गया दिल्ली का नया मुख्यमंत्री?
BJP ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री चुनकर एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। इसके पीछे कई प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं….
- रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग की सीट से चुनाव लड़कर आम आदमी पार्टी की नेता बंदना कुमारी को लगभग 30,000 वोटों के बड़े अंतर से जीत का जश्न मनाया था।
- रेखा की छवि बेदाग है और वह मजबूत महिला नेता की राह पर चल रही है। इसलिए BJP ने उन्हें इस बड़ी जिम्मेदारी के लायक समझा है।
- रेखा गुप्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा से जुड़ी रही है। इसके अलावा वह पार्टी संगठन में लंबे समय से काम कर रही है। जिसके चलते उन्हें पार्टी के भीतर एक मजबूत समर्थन मिला और उनके मुख्यमंत्री बनने की राह आसान हो गई।
- भले ही वह 2020 में पहली बार में विधायक नहीं बनी। लेकिन उन्होंने दिल्ली के कई इलाकों में मजबूत पकड़ बना ली थी। विशेषकर महिलाओं और मध्यवर्तीय लोगों से रेखा ने अच्छा व्यवहार और कनेक्शन बनाने में सफलता हासिल कर ली थी। जिसका फायदा 2025 में हुआ।
- दिल्ली नगर निगम में भी उनका बड़ा योगदान रहा।
आज लेगी मुख्यमंत्री की शपथ
आज 20 फरवरी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद रेखा गुप्ता बीजेपी की पहली और दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनेगी। उनसे पहले दिल्ली में सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी 3 महिलाएं मुख्यमंत्री पद पर सेवाएं दे चुकी है।